ऑक्सीजन की कमी से उबरने के लिए केंद्र सरकार ने एक के बाद एक कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। जहां देश में तीनों सेना ऑक्सीजन सप्लाई और उपकरण लाने में मदद कर रही हैं तो वहीं विदेश से भी काफी सहयोग मिल रहा है। सरकार की इस मुहिम में कई उद्योगपतियों का भी सहयोग मिल रहा है। इसी के तहत अडानी समूह की ओर से सऊदी अरब से आयात कर मंगाई 80 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन गुजरात स्थित मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंच गई है। इसके अलावा बड़ी संख्या में गैस सिलेंडर भी आने वाले हैं। इसके अलावा सरकार ने बड़ी संख्या में स्टील पाइपों और चिकित्सा क्षेत्र में काम आने वाला अन्य जरूरी सामानों का भी आयात किया है, जो जल्द ही बंदरगाह पर पहुंचने वाले हैं।
संबंधित सामग्रियों का भी हो रहा है आयात
दरअसल, राज्य सरकार के प्रयास से ‘ऑपरेशन ऑक्सीजन फ्रेंडली’ शुरू किया है। सरकार ने बंदरगाहों पर ऑक्सीजन या संबंधित संसाधनों को ले जाने वाले जहाजों को प्राथमिकता देने का फैसला किया गया है। कच्छ के दो मुख्य बंदरगाहों कंडला और मुंद्रा में ऑक्सीजन और संबंधित सामग्रियों का आयात शुरू हो गया है।
अडानी समूह के प्रमुख ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
इस बीच अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी ने सऊदी अरब के दूतावास को धन्यवाद देते हुए कहा कि सऊदी अरब के दम्माम बंदरगाह से 80 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन के साथ चार आईएसओ क्रेनिक टैंक आ गए हैं। अडानी समूह के प्रमुख ने सोशल मीडिया पर बताया कि सऊदी अरब से आयात के लिए अधिक क्रायोजेनिक टैंक और 5,000 मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन-सिलेंडर भी हैं, जिसे जल्द ही भारत भेजा जाएगा। इसके लिए उन्होंने सऊदी दूतावास का आभार व्यक्त किया।
सरकार के निर्णयों के तहत कंडला के दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष एस. मेहता ने इस तरह की सामग्री वाले कार्गो को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया, जिसके संबंध में पोत कंडला में हजीरा पोर्ट से एमवी हाय 86 नाम का जहाज चला, जिसमें 4,722.82 एमटी स्टील पाइप, 1,389.47 एमटी स्टील बार, 892.33 मीट्रिक टन जंबो बैग थे। पोर्ट के प्रवक्ता ओमप्रकाश ददलानी ने कहा कि माल चीन से हजीरा और वहां से कंडला तक आया। उन्होंने बताया कि इस पाइप से ऑक्सीजन सिलेंडर बनाए जाते हैं, जिनमें से कुछ भोपाल जाएंगे।
सभी जहाजों को लंगर लगाने के लिए प्राथमिकता देने का निर्देश
बता दें, इससे पहले शिपिंग मंत्रालय ने रविवार को देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों के अध्यक्षों को एक पत्र भेजकर बंदरगाह पर ऑक्सीजन व उससे संबंधित सामान ले जाने वाले सभी जहाजों को लंगर लगाने के लिए प्राथमिकता देने का निर्देश दिया था। साथ ही बंदरगाह और भंडारण सहित शुल्क भी माफ करने के लिए कहा गया था। पत्र में अध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से इन सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। मंत्रालय का यह आदेश चिकित्सा ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन टैंक, ऑक्सीजन बोतलें, पोर्टेबल ऑक्सीजन जनरेटर, स्टील पाइप सहित संबद्ध सामग्रियों पर अगले तीन महीनों के लिए लागू होगा।
(इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार)