प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ओडिशा के कटक में आयकर अपीलीय प्राधिकरण ( आईटीएटी ) के कार्यालय सह आवासीय कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया . इस दौरान पीएम से टैक्स की प्रक्रिया के संबंध में कई बातें कहीं . उन्होंने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड ने करदाता और टैक्स कलेक्टर दोनों के रिश्तों को शोषित और शोषक के रूप में ही विकसित किया हैं . दुर्भाग्य से आज़ादी के बाद हमारी जो टैक्स व्यवस्था रही उसमें इस छवि को बदलने के लिए जो प्रयास होने चाहिए थे , वो उतने नहीं किए गए .
मोदी ने संबोधन के दौरान सरकार की उपलब्धियां गिनाया . प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का टैक्सपेयर पूरी टैक्स व्यवस्था में बहुत बड़े बदलाव और पारदर्शिता का साक्षी बन रहा है . अब उसे रिफंड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता , कुछ ही सप्ताह में उसे रिफंड मिल जाता है , तो उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है . उन्होंने कहा कि जब वो देखता है कि विभाग ने खुद पुराने विवाद को सुलझा दिया है , तो उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है . जब उसे फेसलैस अपील की सुविधा मिलती है , तब वो टैक्स पारदर्शिता को और ज्यादा महसूस करता है . जब वो देखता है कि इनकम टैक्स कम हो रहा है , तब उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है .आज का टैक्सपेयर पूरी टैक्स व्यवस्था में बहुत बड़े बदलाव और पारदर्शिता का साक्षी बन रहा है । जब उसे रिफंड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता , कुछ ही सप्ताह में उसे रिफंड मिल जाता है , तो उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है । उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों के समय में टैक्स टेररिज्म की शिकायतें होती थीं ।
आज देश उसे पीछे छोड़कर टैक्स ट्रांसपेरेंसी की तरफ बढ़ रहा है । टैक्स टेररिज्म से टैक्स ट्रांसपेरेंसी का ये बदलाव इसलिए आया है , क्योंकि हम रिफॉर्म ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म की अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं ।
अब सरकार की सोच ये है कि जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हो रहा है , उस पर पहले पूरी तरह विश्वास करो । इसी का नतीजा है कि आज देश में जो रिटर्न फाइल होते हैं , उनमें से 99.75 फीसदी बिना किसी आपत्ति के स्वीकार कर लिए जाते हैं । ये बहुत बड़ा बदलाव है जो देश के टैक्स सिस्टम में आया है ।
