मशहूर बंगाली एक्टर सौमित्र चटर्जी का 85 की उम्र में निधन हो गया है । वह लंबे समय से कई बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती थे । डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद वह दुनिया को अलविदा कह गए । 15 नवंबर को दोपहर 12.15 बजे सौमित्र चटर्जी ने आखिरी सांस ली । बता दें कि सौमित्र चटर्जी की हालत दिन – प्रतिदिन खराब होती जा रही थी । परिवार वाले भी उनकी हालत देख दुखी थे । डॉक्टर्स का कहना था कि दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित सौमित्र चटर्जी जीवन रक्षक प्रणाली पर थे और प्रतिक्रिया नहीं दे रहे थे । फिर भी डॉक्टर कोशिश करते रहे ।
फैन्स को सौमित्र के निधन का झटका लगा है । वह सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं । मालूम हो कि सौमित्र चटर्जी 6 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती हुए थे । इस बीच वह कोरोना संक्रमित भी पाए गए थे । कोरोना से तो वह ठीक हो गए थे , लेकिन कोविड एन्सेफैलोपैथी की वजह से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा था ।
सौमित्र चटर्जी को सिनेमा में योगदान के लिए पद्म भूषण , दादा साहेब फाल्के पुरस्कार ( 2012 ) और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था । साल 2018 में उन्हें फ्रांस सरकार ने लीजन ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया था । यह फ्रांस का सबसे बड़ा नागरिकता सम्मान है ।
सौमित्र चटर्जी ने अपने करियर की शुरुआत सत्यजीत रे की फिल्म ‘ अपुर संसार ‘ से की थी । उन्होंने ऑस्कर विजेता फिल्मकार सत्यजीत रे के साथ 14 फिल्में की थीं । चटर्जी ने अपने करियर में करीब 100 फिल्मों में काम किया है , जिनमें दो हिंदी फिल्में ‘ निरुपमा ‘ और ‘ हिंदुस्तानी सिपाही ‘ भी शामिल हैं । उन्होंने हिंदी में ‘ स्त्री का पत्र ‘ नाम से फिल्म डायरेक्ट भी की थी ।
