केंद्र सरकार ने ऑनलाइन फेक रिव्यूज पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इसके अंतर्गत ऑनलाइन शॉपिंग, होटल बुकिंग, ट्रेवल बुकिंग और रेस्टोरेंट के खाने व सर्विस से जुड़े किसी प्रोडक्ट के बारे में फर्जी रिव्यू लिखना या लिखवाना अब कंपनियों को बहुत भारी पड़ेगा। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार की यह पहल हर उस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लागू होंगे जो उपभोक्ता समीक्षाएं प्रकाशित करता है। इन मानकों का अनुपालन शुरुआत में सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए स्वैच्छिक होगा। इस पहल का पूर्ण आकलन करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो 15 दिनों के भीतर मानक के लिए एक अनुरूपता मूल्यांकन योजना भी तैयार करेगा।
फेक रिव्यू पर लगेगी लगाम
इन मानकों के लागू होने के बाद ई कॉमर्स कंपनियां अब फेक और पेड रिव्यू नहीं करा पाएंगी। ये मानक समीक्षा लेखक और समीक्षा प्रशासक के लिए विशिष्ट उत्तरदायित्व निर्धारित करते हैं। सभी तरह के समीक्षा लेखकों के लिए इसमें नियम एवं शर्तों की स्वीकृति की पुष्टि करना, संपर्क जानकारी प्रदान करना और समीक्षा व्यवस्थापक के लिए व्यक्तिगत जानकारी तथा कर्मचारियों के प्रशिक्षण की सुरक्षा शामिल है। किसी संस्था द्वारा मानकों के उल्लंघन को एक अनुचित व्यापार व्यवहार या उपभोक्ता अधिकारों का हनन माना जा सकता है और एक उपभोक्ता ऐसी शिकायतों को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन, उपभोक्ता फोरम या फिर सीसीपीए को प्रस्तुत कर सकता है।
क्यों पड़ी जरूरत ?
दरअसल, कोविड-19 महामारी की वजह से इसके बाद के समय में देश भर में ई-कॉमर्स लेनदेन में लगातार वृद्धि हुई है। ऑनलाइन पोस्ट की गई समीक्षाएं कोई भी सामान खरीदने हेतु निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और उपभोक्ता उन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई समीक्षाओं पर अत्यधिक भरोसा करते हैं, जिन्होंने पहले से ही कोई सामान या सेवा को खरीदा हुआ है। यह देखते हुए कि ई-कॉमर्स में उत्पाद को भौतिक रूप से देखने या उसकी जांच करने के अवसर के बिना एक वर्चुअल खरीदारी का अनुभव शामिल है, इसलिए काफी हद तक यह आवश्यक है कि समीक्षा वास्तविक व प्रामाणिक हो।
मानकों की अनदेखी पर लगेगा जुर्माना
सरकार द्वारा जारी किए गए मानकों को नहीं मनाने या इसकी शिकायत मिलने पर ई-कॉमर्स कॉम्पनियों जुर्माना लगाया जाएगा। इसके लिए उपभोक्ता ई-कॉमर्स से जुड़े शिकायतों के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन का उपयोग कर सकेंगे। यह फेक रिव्यू पर मिले शिकायतों के निपटारे के साथ-साथ मानक ईमेल पते के माध्यम से ‘समीक्षा लेखक का सत्यापन’, टेलीफोन कॉल या एसएमएस द्वारा पहचान, एक लिंक पर क्लिक करके पंजीकरण की पुष्टि, कैप्चा सिस्टम आदि का उपयोग करके समीक्षा लेखक की प्रामाणिकता की जांच करने के तरीकें भी प्रदान करता है।
उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
मानक से ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी तंत्र में सभी हितधारकों यानी उपभोक्ताओं, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, विक्रेताओं आदि को लाभ होने की उम्मीद है। यह उपभोक्ताओं के बीच ऑनलाइन सामान खरीदने के लिए विश्वास पैदा करने में मदद करेगा और उन्हें बेहतर खरीद निर्णय लेने में मदद करेगा। उपभोक्ता कार्य विभाग ने ई-कॉमर्स में फर्जी एवं भ्रामक समीक्षाओं के प्रभाव और उपभोक्ता हित के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए 10 जून, 2022 को ई-कॉमर्स में फर्जी व भ्रामक समीक्षाओं की परख करने के उद्देश्य से एक रूपरेखा विकसित करने के लिए समिति का गठन किया था। इस समिति में ई-कॉमर्स कंपनियों, उद्योग संघों, उपभोक्ता संगठनों और कानून अध्यक्षों सहित विभिन्न हितधारक शामिल थे।