प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या की विकास योजना की समीक्षा की.उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने एक प्रस्तुति दी जिसमें अयोध्या के विकास के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया।
अयोध्या के विकास की परिकल्पना एक आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और एक स्थायी स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है।प्रधान मंत्री को अयोध्या के साथ कनेक्टिविटी में सुधार के लिए विभिन्न आगामी और प्रस्तावित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बारे में बताया गया।
एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के विस्तार, बस स्टेशन, सड़कों और राजमार्गों जैसी विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर चर्चा की गई।एक आगामी ग्रीनफील्ड टाउनशिप पर चर्चा की गई जिसमें भक्तों के लिए ठहरने की सुविधा, आश्रमों के लिए जगह, मठ, होटल, विभिन्न राज्यों के भवन शामिल हैं।एक पर्यटक सुविधा केंद्र, एक विश्व स्तरीय संग्रहालय भी बनाया जाएगा।
सरयू नदी और उसके घाटों के आसपास बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरयू नदी पर क्रूज संचालन को भी नियमित फीचर बनाया जाएगा।साइकिल चालकों और पैदल लोगों के लिए पर्याप्त स्थान के साथ स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए शहर का विकास किया जाएगा।
स्मार्ट सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर आधुनिक तरीके से ट्रैफिक मैनेजमेंट भी किया जाएगा।प्रधानमंत्री ने अयोध्या को एक ऐसा शहर बताया जो हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना में अंकित है।अयोध्या को हमारी सर्वोत्तम परंपराओं और हमारे सर्वोत्तम विकासात्मक परिवर्तनों को प्रकट करना चाहिए।
अयोध्या आध्यात्मिक और उदात्त दोनों है। इस शहर के मानव लोकाचार को भविष्य के बुनियादी ढांचे से मेल खाना चाहिए, जो पर्यटकों और तीर्थयात्रियों सहित सभी के लिए फायदेमंद है।प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को अपने जीवन में कम से कम एक बार अयोध्या जाने की इच्छा महसूस करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि निकट भविष्य में अयोध्या में विकास कार्य जारी रहेंगे।साथ ही, अयोध्या को प्रगति की इस अगली छलांग की ओर अग्रसर करने की गति अभी से शुरू होनी चाहिए।यह हमारा सामूहिक प्रयास है कि हम अयोध्या की पहचान का जश्न मनाएं और नवोन्मेषी तरीकों से इसकी सांस्कृतिक जीवंतता को जीवित रखें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह भगवान राम में लोगों को एक साथ लाने की क्षमता है, उसी तरह अयोध्या के विकास कार्यों को स्वस्थ जनभागीदारी की भावना से निर्देशित किया जाना चाहिए, खासकर युवाओं द्वारा।
उन्होंने शहर के इस विकास में हमारे प्रतिभाशाली युवाओं के कौशल का लाभ उठाने का आह्वान किया।
बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और यूपी सरकार के कई अन्य मंत्री मौजूद थे।
