केंद्र ने कोविड प्रभावित राज्यों को अप्रैल महीने के लिए रेमडेसिविर दवा का आवंटन कर दिया है। अब देश के तमाम अस्पतालों में रेमडेसिविर दवा की मांग के अनुरूप आपूर्ति की जाएगी। दरअसल, अचानक इस दवा की किल्लत और कालाबाजारी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने यह फैसला किया, जिसके तहत सरकार ने 30 अप्रैल तक देश के 19 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के लिए महत्वपूर्ण दवा के अंतरिम आवंटन की घोषणा कर दी है।

सबसे बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र को मिला
केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को रेमडेसिविर दवा की 2,69,200 शीशियों का हिस्सा आवंटित किया है, इसके बाद गुजरात 1,63,500 शीशियां, उत्तर प्रदेश 1,22,800 शीशियां, मध्य प्रदेश 92,400 शीशियां और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को 61,900 शीशियां आवंटित की गई है।
केंद्र ने राज्यों को कालाबाजारी और जमाखोरी रोकने को कहा
रेमडेसिविर कोविड-19 के तीव्र और गंभीर संस्करणों में दी जाने वाली एक जरूरी दवा है, जिसके लिए ऑक्सीजन का होना आवश्यक है। केंद्र ने कहा, यह आवंटन 14 राज्यों से संबंधित है, जिन्हें बड़े स्तर पर चिकित्सा ऑक्सीजन आवंटित की जा रही है। 5 अन्य राज्यों को भी यह दवा आवंटित की गई है, जहां ऑक्सीजन की आपूर्ति उच्च मात्रा देखी जा रही है।
इस बीच, राज्यों को उन दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने की सलाह दी गई है, जो स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक जांच चिकित्सा के रूप में सूचीबद्ध है। राज्यों को ऐसी दवा की संभावित जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है।
दोगुना हुआ रेमडेसिविर का उत्पादन
केंद्र की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि घरेलू रेमडेसिविर निर्माताओं को सरकार द्वारा समर्थन दिया जा रहा है, जिससे उनकी निर्माण क्षमता में वृद्धि हुई है। रेमडेसिविर दवा की उत्पादन क्षमता प्रति माह 38 लाख शीशियों से बढ़कर प्रति माह 74 लाख शीशियों तक पहुंच गई है। साथ ही उत्पादन के लिए 20 अतिरिक्त निर्माण स्थलों को मंजूरी दी गई है। बता दें, घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए केंद्र ने 11 अप्रैल को रेमडेसिविर के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
केंद्र ने सीमा शुल्क किया माफ
मंगलवार को केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर, उसके कच्चे माल और अन्य घटकों पर सीमा शुल्क को माफ कर दिया है। जिन वस्तुओं पर शुल्क माफ किया गया है, उनमें रेमडेसिविर के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले रेमडेसिविर सक्रिय फार्मास्युटिकल अवयव (एपीआई), इंजेक्शन रेमडेसिविर और बीटा साइक्लो दो डेक्सट्रिन शामिल हैं। यह आयात शुल्क छूट 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी।
गौरतलब हो, राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने पिछले सप्ताह कहा था कि विभिन्न दवा कंपनियों ने सरकार के हस्तक्षेप पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमतों में कटौती की है।
किस कंपनी ने कितनी घटाई कीमत
कैडिला हेल्थकेयर के रेमडेक टीके की कीमत 2 हजार 8 सौ रुपये से घटकर 899 रुपये हो गई।
सिनजेन इंटरनेशनल के रेमविन टीके की कीमत अब 3,950 रुपये के स्थान पर 2,450 रुपये हो गई है।
डॉक्टर रेड्डी के रेडिक्स टीके का मूल्य 5,400 के स्थान पर 2,700 हो चुका है।
सिपला के सिपरेमी टीके का मूल्य 4,000 की बजाय 3,000 हो गया है।
मेलान फार्मास्क्युटीकल्स के डेसरेम का टीका 4,800 के स्थान पर 3,400 में उपलब्ध है।
जूबीलेंट जेनेरिक के जूबी-आर का टीका अब 4,700 की बजाय 3,400 में मिल रहा है।
हेट्रो हेल्थ केयर का कोविफॉर का टीका 5,400 के स्थान पर 3,490 रुपये में उपलब्ध है।
