पीएम मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 2016 में यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की शुरुआत की थी। इसका मुख्य लक्ष्य देशवासियों को एक ऐसा मंच प्रदान करना था, जहां से आम जनता आसानी से डिजिटल माध्यम से भुगतान कर सके। जब इस योजना की शुरुआत की गई थी तो कई विपक्षी दलों ने कहा था कि भारत में खासकर ग्रामीण इलाकों में यह कैसे संभव हो सकता है लेकिन वर्तमान सरकार ने इस काम को मुमकिन कर दिखाया। आपको जानकर हैरानी होगी कि बीते 5 साल में यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस ने डिजिटल लेनदेन की दुनिया में नए कीर्तिमान रचे हैं।
सिर्फ मई महीने में ही 10 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा छुआ
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने लेटेस्ट आंकड़े जारी किए हैं जिसके मुताबिक यूपीआई (UPI) ने पहली बार किसी एक महीने (मई) में ही 10 लाख करोड़ ट्रांजैक्शन का आंकड़ा छुआ है। यह आंकड़े इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपीआई के लॉन्च होने के बाद इस ऐतिहासिक लक्ष्य को छुआ गया है।
वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड तोड़ एक लाख करोड़ की लेन-देन
इस साल इंस्टेंट रियल टाइम पेमेंट सिस्टम ने 595 करोड़ की लेनदेन दर्ज की है जो कि अप्रैल में 558 करोड़ रुपए ही थी। कोरोना महामारी के दौरान मार्च 2020 में यूपीआई लेनदेन की संख्या 124 करोड़ थी, जिसकी कुल अमाउंट 2.06 लाख करोड़ रुपए थी। मई 2021 की तुलना में मई 2022 में UPI के माध्यम से लेनदेन की संख्या में 117 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
कोरोना महामारी और डिजिटल बूम
मार्च 2020 में जब कोरोनावायरस ने दस्तक दी तो पूरी दुनिया ठप पड़ गई थी। लोगों का बाहर निकलना मिलना-जुलना किसी चीज को छूना सब कुछ प्रतिबंधित था, ऐसे में इस समय डिजिटल लेनदेन को काफी बढ़ावा मिला। देश के बड़े शहरों के अलावा ग्रामीण भारत में भी विद्युतीकरण और इंटरनेट की पहुंच में आने से लोग अब UPI का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। चौक-चौराहे से लेकर गली हो या सड़क हर जगह पर छोटे व्यापारियों और रेहड़ी-पटरी पर अपनी आजीविका चलाने वाले लाखों लोग डिजिटल माध्यम से भुगतान स्वीकार कर रहे हैं जिससे लोगों का जीवन बहुत आसान हो गया है।
लेन-देन से पहले वेरीफाई जरूर करें
डिजिटल माध्यम में जितनी सुविधाएं हैं कई बार इसमें उतनी ही चुनौतियां भी होती है। डिजिटल पेमेंट में बस एक क्लिक से हम किसी को पैसे भेज सकते हैं या उनसे रिसीव कर सकते हैं। ऐसे में जब भी UPI पेमेंट के माध्यम से आप किसी को पैसे भेजें तो उसकी UPI आईडी जरूर वेरीफाई कर लें या दूसरा तरीका या भी हो सकता है कि आप बेहद कम धनराशि उनके अकाउंट में ट्रांसफर करें जिससे आपके साथ धोखा नहीं होगा।
फ्रॉड से रहें सावधान
जैसे-जैसे इंटरनेट पेनिट्रेशन गांव देहात के इलाकों में हो रहा है, वहां भी लाखों लोग डिजिटल माध्यम से लेन-देन करने लगे हैं लेकिन उन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता है। जैसे कि वे कभी भी अपना वन टाइम पासवर्ड यानि ओटीपी किसी को न बताएं। वहीं अगर कोई ठेला या कोई अन्य दुकान लगा रहा है तो उसे अपने QR कोड को ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां उसे कोई बदल ना सके या उसके साथ कोई छेड़छाड़ न कर सके।
