भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने से देश में एक जरूरी बदलाव किया है, जिससे नौकरी करने वालों को बड़ा फायदा होगा। अब से नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस की सुविधा हर दिन उपलब्ध होगी। जबकि पहले यह सेवा बैंकों के सभी कार्य दिवसों यानि वर्किंग डेज पर ही उपलब्ध रहेगा, अगर शनिवार को चेक जारी होगा तो वह रविवार को भी क्लियर हो सकता है। आपको चेक के क्लीयरेंस के लिए हर समय अपने खाते में बैलेंस रखना होगा, वरना चेक बाउंस हुआ तो पेनल्टी भी लग सकती है।
एनसीएच, नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस एक केंद्रीकृत वेब-आधारित इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सर्विस है जो बैंकों, कॉर्पोरेट क्षेत्रों, कई वित्तीय संस्थानों और सरकार को बल्क पेमेंट यानि थोक भुगतान को संभालने में मदद करती है। आसान शब्दों में समझें, तो इसके माध्यम से कंपनियां और आम आदमी हर महीने के जरूरी लेनदेन को आसानी से करते हैं। ये इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ईसीएस) का एडवांस वर्जन है। एनएसीएच सर्विस को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) चलाता है।
ईसीएस क्या है?
इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सिस्टम या ईसीएस, क्लीयरिंग हाउस की सेवाओं का उपयोग करके एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर करने का एक तरीका है। यह आमतौर पर किसी एक अकाउंट से कई अकाउंट में या फिर कई अकाउंट से किसी एक अकाउंट में बल्क ट्रांसफर के लिए होता है। इसका उपयोग संस्थानों द्वारा ब्याज, सैलरी, पेंशन आदि की पेमेंट करने के लिए किया जाता है।
आपको क्या फायदा होगा?
अब चूंकि एनएसीएच सर्विस 24 घंटे उपलब्ध होगी तो बैंक में छुट्टी होने पर भी आपके बैंक खाते से ईएमआई कट जाएगी। म्यूचुअल फंड, लोन की ईएमआई, टेलीफोन सहित सभी बिलों का भुगतान अब बैंक की छुट्टी रहने पर भी हो जाएगा। इसके साथ, पहले ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों के खाते में सैलरी डालने के लिए नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस का इस्तेमाल करती थीं, जिससे बैंक में छुट्टी के दिन आपके अकाउंट में सैलरी नहीं आती है। लेकिन अब इस सुविधा के 24 घंटे उपलब्ध होने से, छुट्टी के दिन भी आपके खाते में पैसे जमा हो जाएंगे।
