भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), रुड़की ने डाटा साइंस और आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस में विशेषज्ञता के साथ इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, अर्थशास्त्र और प्रबंधन के चुनिंदा क्षेत्रों में 7 नए शैक्षणिक प्रोग्राम शुरू किए हैं। यह नए दौर की प्रौद्योगिकियों की बढ़ती मांग को पूरा करने का काम करेंगे। अगले शैक्षणिक सत्र 2021-2022 से छात्रों को इन पाठ्यक्रम की पेशकश की जाएगी। पाठ्यक्रम में 6 पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम और एक पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड प्रोग्राम शामिल किया है।
देश के सबसे पुराने प्रौद्योगिकी संस्थान में नए प्रोग्राम का शुभारंभ
इसके लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) में सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने उम्मीद जताई है कि इन प्रोग्रामों से विद्यार्थियों और कामकाजी पेशेवरों को संबंधित क्षेत्रों में वेल्यू एडिशन में मदद मिलेगी। 30 जुलाई को एक ऑनलाइन प्रोग्राम में देश के सबसे पुराने प्रौद्योगिकी संस्थान में नए कार्यक्रमों का शुभारम्भ करते हुए उन्होंने कहा, ”इस तरह की नई पहल लीडर्स को फॉलोवर्स से अलग करती हैं और मैं कार्यक्रमों की रूपरेखा व इससे जुड़ी जानकारियों को सुनकर खासा खुश हूं।”
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, ”नए कार्यक्रमों में वर्तमान में प्रासंगिक जानकारियों का प्रसार और हमारे द्वारा सृजित ज्ञान का उपयोग शामिल है। वे अंतर-विषयक और बहु विषयक हैं व साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप भी हैं। इनकी शुरुआत से पता चलता है कि हम कुछ सीमाओं को तोड़ने की राह पर हैं, जो हमने ऐतिहासिक रूप से तैयार की हैं।”
इन प्रोग्राम का क्या है उद्देश्य ?
इन प्रोग्राम का उद्देश्य ऐसे नए और उभरते हुए क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है जो आज ज्यादा प्रासंगिक बनते जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में सेंटर फॉर आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस (CAIDS) के तहत एम. टेक. (आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस) और एम. टेक. (डाटा साइंस), डिजाइन विभाग के तहत एम. डेस. (औद्योगिक डिजाइन) और एमआईएम (मास्टर्स इन इनोवेशन मैनेजमेंट), डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के तहत उद्योग के कामकाजी पेशेवरों के लिए ऑनलाइन एम. टेक. (माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स एंड वीएलएसआई), डिपार्टमेंट ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेस के तहत एम.एस. अर्थशास्त्र (पांच साल का एकीकृत कार्यक्रम) और प्रस्तावित इंटरनेशनल सेंटर फॉर डैम्स (वर्तमान में हाइड्रोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा समन्वित) के तहत एम. टेक. (बांध सुरक्षा एवं पुनर्वास) शामिल हैं।
वहीं आईआईटी रुड़की के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन बी. वी. आर. मोहन रेड्डी ने उम्मीद जताई है कि ये नए कार्यक्रम शिक्षा को ज्यादा लचीली, सुलभ और जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया का रूप देकर लोगों की धारणा का बदलकर रख देंगे। उन्होंने कहा, ”हम आत्म निर्भर भारत पर भी काम कर रहे हैं और इसीलिए, शिक्षा के नए दृष्टिकोण के साथ नए क्षेत्र खासे अहम हैं, उद्यमशीलता के साथ ही नवाचार हमारे भविष्य का अभिन्न अंग है। हमारे पास ज्यादा रोजगार सृजन करने वाले हों, यह सुनिश्चित करने के लिए मैं उद्यमिता कार्यक्रम की सिफारिश करता हूं।”
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजित के. चतुर्वेदी ने विश्वास व्यक्त किया कि नए कार्यक्रमों से उच्च शिक्षा में भविष्य की प्रौद्योगिकियों की मांग पूरी होगी। उन्होंने कहा, ”ये सभी नए शैक्षणिक कार्यक्रम हमारे देश की जरूरतों को पूरा करते हैं। इन्हें कई स्तरों पर सावधानीपूर्वक विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है।” इन नए कार्यक्रमों के शुभारम्भ के अवसर पर संस्थान के कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।
