रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, डीआरडीओ ने आज ओडिशा के तट पर डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम द्वीप से स्वदेशी रूप से विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल – प्रलय का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा, मिशन ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा कर लिया है।
मिसाइल ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और कई नई तकनीकों से संचालित है। मिसाइल की रेंज 150 से 500 किलोमीटर है और इसे मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पहली विकास उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ और संबंधित टीमों को बधाई दी है। उन्होंने तेजी से विकास और सतह से सतह पर मार करने वाली आधुनिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ की सराहना की।
रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने टीम की सराहना की और कहा कि यह एक नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। उन्होंने कहा, मिसाइल आधुनिक तकनीकों से लैस है और इस हथियार प्रणाली को शामिल करने से सशस्त्र बलों को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।
