प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 82 वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन 2021 के उद्घाटन सत्र को सुबह 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व देश के विभिन्न सदनों के पीठासीन अधिकारीगण मौजूद रहे।
प्रीसाइडिंग ऑफिसर्स की यह महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस होती है हर साल
इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रीसाइडिंग ऑफिसर्स की यह महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस हर साल कुछ नए विमर्शों और नए संकल्पों के साथ होती है। हर साल इस मंथन से कुछ न कुछ अमृत निकलता है। जो हमारे देश को व देश की संसदीय व्यवस्था को गति देता है, नई ऊर्जा देता है और नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है। यह भी बहुत सुखद है कि आज इस परम्परा को 100 साल हो रहे हैं। ये हम सबका सौभाग्य भी है और भारत के लोकतांत्रिक विस्तार का प्रतीक भी है। मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर आप सभी को देश की संसद और सभी विधानसभाओं के सभी सदस्यों के और सभी देशवासियों को भी बधाई देता हूं।
भारत के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं
पीएम मोदी ने कहा भारत के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है। लोकतंत्र भारत का स्वभाव है, भारत की सहज प्रवृति है। आपकी यह यात्रा इसलिए भी और विशेष हो गई है क्योंकि इस समय भारत अपनी आजादी के 75 साल का पर्व मना रहा है, अमृत महोत्सव मना रहा है। ये संयोग इस कार्यक्रम की विशिष्टता को तो बढ़ाता ही है साथ ही हमारी जिम्मेदारियों को भी कई गुणा कर देता है। उन्होंने कहा, हमें आने वाले वर्षों में, देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है, असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं। ये संकल्प ‘सबके प्रयास’ से ही पूरे होंगे। और लोकतंत्र में, भारत की संघीय व्यवस्था में जब हम ‘सबका प्रयास’ की बात करते हैं तो सभी राज्यों की भूमिका उसका बड़ा आधार होती है।
बीते सालों में देश ने जो हासिल किया उसमें राज्यों ने निभाई बड़ी भूमिका
देश के बीते सालों में देश ने जो हासिल किया है उसमें राज्यों की सक्रिय भागीदारी ने बड़ी भूमिका निभाई है। चाहे पूर्वोत्तर की दशकों पुरानी समस्याओं का समाधान हो, दशकों से अटकी-लटकी विकास की तमाम योजनाओं को पूरा करना हो, ऐसे कितने ही काम है जो देश ने बीते सालों में किए हैं, सबके प्रयास से किए हैं। अभी सबसे बड़ा उदाहरण हमारे सामने कोरोना का ही है। इतनी बड़ी लड़ाई देश ने सब राज्यों को साथ लेकर जिस एकजुटता से लड़ी है वो अपने आप में ऐतिहासिक है।
सदन में कोई किसी पर राजनीतिक छींटाकशी न करे
पीएम मोदी ने कहा, आज भारत 110 करोड़ वैक्सीन डोज का बड़ा आंकड़ा पार कर चुका है, जो कभी असंभव लगता था वो आज संभव हो रहा है। इसलिए हमारे सामने भविष्य के जो सपने हैं, जो अमृत संकल्प है वो भी पूरे होंगे। देश और राज्यों के एकजुट प्रयासों से ही ये पूरे होने वाले हैं। ये समय अपनी सफलताओं को आगे बढ़ाने का है। जो रह गया है उसे पूरा करने का है। एक नई सोच, नए वीजन के साथ हमें भविष्य के लिए नए नियम और नीतियां भी बनानी है। हमारे सदन की परम्पराओं और व्यवस्थाएं स्वभाव से भारतीय हो। हमारी नीतियां, हमारे कानून भारतीयता के भाव को एक भारत-श्रेष्ठ भारत के संकल्प को मजबूत करने वाले हो और सबसे महत्वपूर्ण सदन में हमारे खुद का भी आचार-व्यवहार भारतीय मूल्यों के हिसाब से हो। यह हम सबकी जिम्मेदारी है। इस दिशा में हमें अभी भी बहुत कुछ करने के अवसर हैं।
विविधता के बीच भी बहती है, एकता की भव्य और दिव्य अखंड धारा
हमारा देश विविधताओं से भरा है। अपनी हजारों वर्ष की विकास यात्रा में हम इस बात को अंगीकृत कर चुके हैं कि विविधता के बीच भी, एकता की भव्य और दिव्य अखंड धारा बहती है। एकता की यही अखंड धारा, हमारी विविधता को संजोती है, उसका संरक्षण करती है। आज के बदलते समय में हमारे सदनों की यह जिम्मेदारी है कि देश की एकता और देश की अखंडता के संबंध में अगर एक भी भिन्न स्वर उठता है तो उससे सतर्क रहना है। विविधता को विरासत के रूप में गौरव मिलता रहे। हम अपनी विविधता का उत्सव मनाते रहें। हमारे सदनों से यह संदेश भी निरंतर जाते रहना चाहिए।
