पाकिस्तानी जिहादी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के समर्थकों ने 17 जुलाई को लाहौर में महाराजा रहे रणजीत सिंह की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया है।पुलिस ने प्रतिमा को तोड़ने वाले लोगों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस के बयान के अनुसार इन कट्टरपंथियों का मानना है कि मुस्लिम देश में सिख शासक की मूर्ति लगाना उनके धर्म के खिलाफ है।
इस, प्रतीमा का अनावरण जून 2019 में महाराजा रणजीत सिंह की 180वीं पुण्यतिथि पर किया गया था।इस प्रतिमा में रणजीत सिंह को घोड़े पर बैठे, हाथ में तलवार लिए और सिख पोशाक में दिखाया गया था। रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के पहले महाराजा थे, जिन्होंने पंजाब पर 40 साल तक राज किया। 1839 में उनकी मृत्यु हो गई।
तीन बार कट्टरपंथियों ने क्षतिग्रस्त किया
महाराज रणजीत सिंह की इस प्रतिमा को कट्टरपंथियों ने तीन बार क्षतिग्रस्त किया है पहली बार जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने से नाराज इन कट्टरपंथियों ने रणजीत सिंह की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था,दूसरी बार दिसंबर 2020 में फिर से इसे तोड़ दिया गया,इनका कहना था कि रणजीत सिंह ने मुस्लिमों को नुकसान पहुंचाया था, इसलिए उसकी प्रतिमा पाकिस्तान में नहीं होनी चाहिए। यह तीसरी बार हुआ है जब लाहौर फोर्ट कॉम्प्लेक्स में रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ा गया है इस बार इन चरमपंथियों का कहना है कि मुस्लिम देश में सिख शासक की मूर्ति लगाना उनके धर्म के खिलाफ है इस लिए इन्होंने इस प्रतिमा को तोड़ा दिया है।
कट्टरपंथियों ने किया सिखों की भावनाओं को आहत मनजिंदर सिंह सिरसा
मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक ट्वीट श्रृंखला करते हुए कहा कि पाकिस्तान के कट्टरपंथियों ने महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़कर एक बार फिर सिख भावनाओं को आहत किया है। पहले खादिम हुसैन रिजवी महाराजा रणजीत सिंह के बारे में बुरा बोलते थे और अब उनकी पार्टी के लोग घृणित काम करते हैं
मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा, फिर उन्होंने वीडियो जारी करते हुए कहा कि मैंने इस घटना के बारे में संयुक्त सचिव, विदेश मंत्री (पीएआई) श्री जेपी सिंह को अवगत कराया है, जिन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को भारत में स्थित पाकिस्तान हाईकमीशन के साथ उठाएंगे और इस तरह की घृणित बर्बर घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने के लिए कहेंगे।
