किसान हितैषी केंद्र सरकार समर्थन मूल्य पर भरपूर मात्रा में, गेहूं-धान की खरीदी कर रही है। बीते साल की तुलना में, इस साल गेहूं खरीदी में कुल 13 फीसदी वृद्धि हुई है। इस साल 406.76 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जा चुकी है। समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं की कीमत, 80 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक है। खरीदी से देश के लगभग 44 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
धान खरीदी में भी हुई वृद्धि
इस वर्ष के विपणन सत्र के दौरान, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 787.7 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है। बीते वर्ष के रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए हैं। यह अधिकतम खरीदी है। पूरे वर्ष के दौरान समर्थन मूल्य पर, 1.48 लाख करोड़ रुपए की, धान खरीदी की गई है। इस खरीदी से अब तक 117 लाख से अधिक किसानों को फायदा मिला है। उल्लेखनीय है कि, बीते साल 721 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। भारत में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, पंजाब, बिहार और तेलंगाना में धान की पैदावार होती है।
दलहन-तिलहन की भी हो रही खरीदी
शासकीय निकायों द्वारा समर्थन मूल्य पर, दलहन-तिलहन की भी खरीदी की जा रही है। अब तक 7.14 लाख मीट्रिक टन से अधिक दालों और तिलहन की खरीदी हुई है। लगभग तीन हजार करोड़ रुपए से अधिक की खरीदी की गई है। केंद्र सरकार के इस कदम से देश भर के लगभग 4.25 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। इनमें तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान के किसान शामिल हैं। दलहन के अंतर्गत चना,मूंग,अरहर,मसूर और उड़द आते हैं। तिलहन का अर्थ होता है ऐसे फसल जिनसे तेल निकलता है। इनमें सोयाबीन,मूंगफली,तिल अलसी और सरसों आते हैं।
5,089 मीट्रिक टन बारहमासी फसलों की खरीदी
केंद्र सरकार न केवल धान-गेहूं जैसी मुख्य फसलें, बल्कि बारहमासी फसलों को भी, एमएसपी पर खरीद रही है। अब तक कुल 5,089 मीट्रिक टन बारहमासी फसलों की खरीदी की जा चुकी है। समर्थन मूल्य पर खरीदे गए इस फसल की कुल कीमत 52.40 करोड़ रुपए है। बारहमासी फसलों की खरीदी से, इस वर्ष तमिलनाडु और कर्नाटक के किसानों को लाभ मिला हैं। इन राज्यों में लाभान्वित किसानों की संख्या 3,961 है। वर्ष 2021-22 के लिए तमिलनाडु से 51 हजार मीट्रिक टन बारहमासी फसलों की खरीदी की अनुमति भी दी गई है।
