जल, जीवन की आधारभूत आवश्यकता है। केंद्र सरकार भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर में स्वच्छ पेय जल की उपलब्धता सुनिश्चित के करने के लिए राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत कार्य कर रही है। बीते दो वर्षों में देश के चार करोड़ से अधिक ग्रामीण इलाकों के घरों में नल कनेक्शन प्रदान किया गया है। कोरोना की चुनौती के बावजूद 4.17 करोड़ घरों तक नल-जल कनेक्शन पहुंचाया गया है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को मिशन से संबंधित विशेष परामर्श भी दिया है।
राज्यों को जल जीवन मिशन के तहत शत-प्रतिशत घरों तक कनेक्शन देने का परामर्श
जल शक्ति मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक परामर्श जारी किया है। मंत्रालय ने कहा है कि जिन गांवों में 90 प्रतिशत से अधिक घरों में नल जल कनेक्शन पहुंचा है,वहां बाकी बचे घरों में भी प्राथमिकता के आधार पर कनेक्शन उपलब्ध करवाया जाए। इस तरह से शीघ्रता से शत-प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल-जल कनेक्शन को पहुंचाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। मंत्रालय ने समग्रता का सिद्धांत अपनाते हुए राज्यों को शीघ्र ही बचे हुए परिवारों को पेय जल उपलब्धता सुनिश्चित करवाने का परामर्श इसलिए दिया है ताकि, देश के सभी राज्यों के गांव ‘हर घर जल’ गांव में परिवर्तित हो सकें।
21 हजार से अधिक गांव में नब्बे फीसदी से अधिक घरों तक पहुंचा नल-जल कनेक्शन
विभिन्न राज्यों द्वारा दिए गए रिपोर्ट के अनुसार देश में 21,000 गांव ऐसे हैं,जहां नब्बे प्रतिशत से अधिक घरों में नल-जल कनेक्शन पहुंच गया है। बाकी बचे घरों में नल जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवायी जानी है। केंद्र का सुझाव है कि पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के संवर्धन का कार्य प्रारंभ करके, बचे हुए घरों को कनेक्शन उपलब्ध करवाया जाए। इससे प्राथमिकता के आधार पर गांवों में बचे हुए दस प्रतिशत घरों तक पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। केंद्र ने कहा है कि इस पूरी प्रक्रिया की नियमित समीक्षा भी की जाएगी।
वर्ष 2024 तक देश के हर घर में नल-जल कनेक्शन देना है लक्ष्य
राष्ट्रीय जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक मुख्य कार्यक्रम है। राज्यों के सहयोग से इसे संचालित किया जा रहा है। जल-जीवन-मिशन का उद्देश्य वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन द्वारा जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है। मिशन के तहत अब तक, 61 जिलों,731 विकासखण्डों और 89,000 से अधिक गांवों को नल-जल कनेक्शन दिया जा चुका है। इन क्षेत्रों के प्रत्येक घर में शत-प्रतिशत जल आपूर्ति की जा रही है। आज देश के 38.6 फीसदी से अधिक ग्रामीण परिवारों को अपने घर में स्वच्छ पेय जल उपलब्ध हो रहा है।
कोविड के दौर में कैसे मिल रहा जल जीवन मिशन से लोगों को लाभ
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल स्त्रोत के रूप में सार्वजनिक बोरिंग या नल का उपयोग किया जाता रहा है। गांव के अधिकांश लोग घर में नल न होने के कारण, उसी सार्वजनिक जल स्त्रोत पर पानी लेने जाते। कोविड में शारीरिक दूरी का पालन करना अत्यावश्यक है। आज जिन गांवों के घरों में जल जीवन मिशन के तहत नल कनेक्शन उपलब्ध हो गया है,उन्हें कोविड के दौर में पानी लेने के लिए बाहर निकलने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। वे शारीरिक दूरी का पालन कर पा रहे हैं। घर में नल-जल कनेक्शन होने के कारण पानी भी पर्याप्त है,इसलिए बार-बार साबुन से हाथ धोने जैसे कोविड से बचाव के उपायों का भी पालन कर पा रहे हैं। जल जीवन मिशन से ग्रामीण आबादी का जीवन सरल हो सका है।
