देश इस समय एक अभूतपूर्व महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। लेकिन देश की तमाम एजेंसियां और संस्थाएं एक साथ मिलकर इसके खिलाफ जंग लड़ रही है। न सिर्फ देश में जरूरी चिकित्सीय उपकरणों के उत्पादन को बढ़ाया गया है बल्कि दूसरे देश भी आगे बढ़ कर भारत की मदद कर रहे हैं।
इस बारे में विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि अभी देश में 30 लाख से अधिक कोरोना के सक्रिय मामले हैं। स्पष्ट रूप से इसकी वजह से स्वास्थ्य प्रणाली और हमारे पास मौजूद क्षमताओं और सीमित संसाधनों पर काफी दबाव पड़ रहा है। सरकार बहुत तेजी से ये आकलन करने की कोशिश कर रही है कि कहां पर हम कितनी जल्दी सुधार कर सकते हैं। हालत पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ साथ प्रधानमंत्री बराबर नजर बनाए हुए हैं।
सभी मंत्रालय मिल कर रहे हैं काम
महामारी से इस जंग में अन्य मंत्रालय चाहे वो रेल मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय या वित्त मंत्रालय भरपूर साथ दे रहे हैं। विदेश मंत्रालय भी इस महामारी को हराने के लिए जी-जान से लगा हुआ है। विदेश मंत्रालय संसाधनों की कमी को दूर करने के सबसे प्रभावी साधनों को खोजने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी क्रम में वो हर देश से बात कर संसाधनों को जुटाने की हर संभव कोशिश कर रहा है। भारत ने वैक्सीन-मैत्री के माध्यम से जरूरतमंद देशों की मदद की थी, कहीं न कहीं वही मदद लौटकर अब भारत को मिल रही है।
कितने देशों ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत को विभिन्न सरकारों से सहायता के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। असल में कोरोना से लड़ाई में भारत के साथ दुनिया के अधिकतर देश एकजुट हैं और लगातार भारत को सहायता पहुंचा रहे। अब तक 40 से अधिक देशों ने भारत को कोरोना के खिलाफ जंग में जरूरी दवाओं और उपकरणों के माध्यम से मदद उपलब्ध करवायी है।
किस देश ने किस रूप में की मदद
27 अप्रैल को यूके से पहली फ्लाइट भारत आई थी जिसमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर और अन्य जरूरी चिकित्सीय उपकरण थे। कल रात को रूस से 2 एयरक्राफ्ट भारत आए जिनमें बड़ी संख्या में ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले यंत्र थे। रूस ने हमें Favipiravir भी दिया, जो COVID-19 उपचार के लिए एंटीवायरल ड्रग है।
विदेश सचिव हर्षवर्धन सिंह ने बताया कि हम अगले कुछ दिनों में संयुक्त राज्य अमेरिका से तीन विशेष उड़ानों की भी उम्मीद कर रहे हैं। हम सबने देखा कि राष्ट्रपति बिडेन ने प्रधानमंत्री से बात की, उन्होंने व्यापक सहायता की पेशकश की है। हम सबने सहायता का विवरण भी संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा देखा होगा। हमारे वैक्सीन उद्योग आदि के लिए कच्चे माल के संबंध में अमेरिका कम से कम तीन विमानों को प्रारंभिक तौर पर उपलब्ध कराने जा रहा है। इसके अलावा आवश्यक ऑक्सीजन उपकरण और सांद्रता वाले अन्य यंत्र भी, जिनकी हमें जरूरत है, अमेरिका ने हमे सहायता देने का वादा किया है। हमारे पास एक विशेष कार्गो विमान है जो आज रात यूएई से फिर से वेंटिलेटर और फेवीपिरवीर दवाओं को लेकर आएगा।
इसके अलावा मॉरीशस, बांग्लादेश, भूटान, बहरीन,कतर, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, गुयाना, सिंगापुर, थाईलैंड सहित अनेक देश भारत को आवश्यक मदद मुहैया करा रहे हैं।
मदद करने वाले देशों के प्रति जताया आभार
विदेश मंत्रालय ने सभी सहायता करने वालों देशों के प्रति आभार जाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत वैश्विक स्तर पर जिस तरह पिछले कुछ वर्षों में उभरा है उसी का नतीजा है कि आज भारत के साथ दुनिया का हर देश खड़ा है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई पूरी दुनिया लड़ रही है। सभी के सहयोग से ही हम इस महामारी से जीत पाएंगे।
