केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि कोई भी व्यक्ति जो हिंदू, सिख या बौद्ध धर्म से अलग धर्म को मानता है, उसे अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जाएगा। जैसे, अनुसूचित जातियों के कल्याण और विकास के लिए केन्द्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के लाभों को अनुसूचित जाति से धर्मांतरित ईसाइयों या अन्य धर्म के व्यक्तियों को नहीं दिया जा सकता है।
राज्य सरकारों द्वारा दिए गए लाभ मिल सकते
केंद्र सरकार ने सदन को बताया कि आंध्र प्रदेश सरकार ने 30 जुलाई 2021 को सूचित किया था कि राज्य सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों (हिंदुओं) को दी गई गैर-वैधानिक रियायतें अनुसूचित जाति के ईसाई और बौद्ध धर्म में परिवर्तित होने वालों को भी दी जाएंगी। हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार की योजना, केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) या केंद्र के तहत किसी भी अन्य वैधानिक लाभ के तहत दी गईं रियायतों पर लागू नहीं होगी।
केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं क्या होती हैं
केंद्र प्रायोजित योजनाओं का अर्थ कुछ ऐसी योजनाओं से होता है, जिनमें योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु वित्त की व्यवस्था केंद्र तथा राज्य द्वारा मिलकर की जाती है। ऐतिहासिक तौर पर इस प्रकार की योजनाओं को एक ऐसे माध्यम के रूप में देखा जाता है, जिसमें केंद्र सरकार राज्यों को योजनाओं के कार्यान्वयन में वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
किसका कितना हिस्सा होता है
इस प्रकार की योजनाओं में राज्य द्वारा दी जाने वाली राशि का प्रतिशत राज्यों के साथ परिवर्तित होता रहता है। यह 50:50, 60:40, 70:30 या 75:25 में हो सकता है, वहीं कुछ विशेष राज्यों जैसे- पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के लिये यह 90:10 (यहाँ 90 केंद्र का हिस्सा है और 10 राज्य का) भी रहता है। CSS के तहत जो योजनाएँ तैयार की जाती हैं वे मुख्यतः राज्य सूची के तहत आने वाले विषयों से संबंधित होती हैं।
कुछ प्रमुख केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं
CSS के तहत आने वाली कुछ प्रमुख योजनाओं में MGNREGA, हरित क्रांति, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आदि शामिल हैं।
