महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में ग्राम स्वराज की आधारशिला पर ‘वर्धा मंथन’ का आयोजन 6-7 फरवरी को किया जाएगा , जिसमें
देश में इस समय आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए यत्न किया जा रहा प्रयास आत्मनिर्भर भारत निर्मित करने के विचार का मूल गांधी के ग्राम स्वराज के रचनात्मक कार्यक्रमों में निहित है।
इसमें आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर गांव आवश्यक है और आत्मनिर्भर गांव के लिए आत्मनिर्भर व्यक्ति,आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए समकालीन ग्राम विकास के परिप्रेक्ष्य में गहनता से विचार-मंथन की किया जाएगा , जिसमें विभिन्न संगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विगत सात दशकों से ग्राम विकास के लिए रचनात्मक कार्य किए हैं,उनके अनुभवों को एकत्रित करने तथा समेकित प्रारूप तैयार किया जाएगा।
कार्यशाला का उद्घाटन 06 फरवरी 2021 को पूर्वाह्न 10.30 बजे होगा जिसमें सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी महात्मा गांधी कैन्द्रीय विश्वविद्यालय(मोतिहारी) बिहार के कुलाधिपति तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के पूर्व अध्यक्ष, डॉ. महेश शर्मा, वर्धा के सांसद श्री रामदास तड़स तथा विनोबा के सचिव रह चुके बालविजय भाई भाग लेंगे।उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो रजनीश कुमार शुक्ल करेंगे। उद्घाटन सत्र के बाद 06.02.2021 को दोपहर एक से दो बजे तक पहला तकनीकी सत्र ‘ग्राम विकास के देशज प्रयोग’ विषय पर, दूसरा सत्र उसी दिन अपराह्न 3.30से 5.00 बजे तक ‘खेती’ पर और तीसरा सत्र ‘कारीगरी’ विषय पर आयोजित होगा।
कार्यशाला के दूसरे दिन 07.02.2021 को पूर्वाह्न 10 से 11.30 बजे तक चौथा तकनीकी सत्र ‘स्वच्छता एवं स्वास्थ्य’ पर, 5वां सत्र दोपहर 12 से 1.30 तक ‘धर्मपाल की भारतीय दृष्टि’ पर और छठा तकनीकी सत्र अपराह्न 3 से 4 बजे तक ‘विश्वविद्यालयों में गांधी अध्ययन की दिशा’ पर आयोजित होगा, जिसमें विभिन्न तकनीकी सत्रों में देशभर के प्रतिष्ठित कार्यकर्ता एवं प्रतिभागी ऑफलाइन तथा ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर विमर्श करेंगे।
दो दिवसीय कार्यशाला का समापन सत्र 07 फरवरी को अपराह्न 4.15 बजे होगा जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षाविद् एवं पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री तथा वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो.मुरली मनोहर जोशी ऑनलाइन उपस्थित रहेंगे तथा विशेष उपस्थिति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र दिल्ली के सदस्य सचिव प्रो. सचिदानंद जोशी की रहेगी,विश्वविद्यालय ने वर्धा के 19 गांवों को गोद ले रखा है जहां विद्यार्थी और शिक्षक ग्रामीणों के साथ उनकी समस्याओं पर चर्चा कर समाधान का रास्ता सुझाते हैं। इस दो दिवसीय कार्यशाला की समस्त कार्यवाही ई-पुस्तक के रूप में ‘वर्धा संकल्प’ शीर्षक से समापन सत्र में जारी की जाएगी।
