केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख का विकास करने के लिए बनाई गई योजना को केंद्र सरकार ने जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। इसलिए आने वाले दिनों में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सभी क्षेत्र जल्द ही हवाई मार्ग से जोड़े जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी हवाई संपर्क योजना को मंजूरी दे दी है। लद्दाख क्षेत्र में हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए सरकार केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में चार नए हवाई अड्डे और 37 हेलीपैड बनाने की योजना बना रही है। लद्दाख क्षेत्र की 6 घाटियों को भी हवाई पट्टियों से जोड़ा जाएगा। मौजूदा समय में लेह और कारगिल में ही एयरस्ट्रिप है। इनमें से कई हवाई पट्टियों के इसी साल के अंत तक चालू होने की संभावना है।
महत्वपूर्ण स्ट्रेटजिक क्षेत्रों तक आसान होगी भारत की पहुंच
कारगिल युद्ध के समय भारतीय वायुसेना ने बेहतरीन हवाई कार्रवाई से दुश्मन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था। लेकिन उस समय वायुसेना को श्रीनगर, अवन्तीपुर और अदमपुर से कारगिल के लिए उड़ान भरनी पड़ती थी। इस कारण उन्हें टारगेट तक पहुंचने में बहुत समय लग जाता था। जमीनी हमले के लिए इस्तेमाल किए गए विमानों में मिग-2आई, मिग-23एस, मिग-27, जगुआर और मिराज-2000 शामिल थे। मुख्य रूप से, जमीनी हमले की एक माध्यमिक भूमिका के साथ हवाई इंटेरसेपशन के लिए मिग -21 का इस्तेमाल किया गया था। यह एक मात्र विमान प्रतिबंधित स्थानों में संचालन करने में सक्षम था, जो कारगिल इलाके में महत्वपूर्ण थे। अब 4 एयरपोर्ट और 37 हेलीपैड होने से भारत इन क्षेत्रों में हवाई रक्षा में बेहद मजबूत हो जाएगा। इसके बाद से बटालिक सेक्टर, ड्रास क्षेत्र और टाइगर हिल के पॉइंट 4875 व 5203, जो कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण स्ट्रेटजिक क्षेत्र थे। इन सब तक अब पहुंच बेहद आसान हो जाएगी। इससे पहले भारी समान और अन्य आवाजाही के लिए भारतीय सेना और नागरिकों के लिए श्रीनगर-लेह हाइवे ही एकमात्र जरिया था।
आपातकाल में होंगे अहम साबित
मौजूदा समय में लद्दाख रीजन में 8 हेलीपैड हैं, जिनमें 5 लेह में और 3 कारगिल में हैं, जिनका आधुनिकीकरण किया जाना है। सरकार ने अब कारगिल क्षेत्र में एक वैकल्पिक नागरिक हवाई अड्डे के लिए भूमि की पहचान की है। इसके अलावा 29 नए आधुनिक हेलीपैड बनाए जाएंगे, जिसमें से 2 लेह में और 27 कारगिल में होंगे। इस तरह लद्दाख रीजन में 37 अत्याधुनिक हेलीपैड हो जाएंगे। लेह की 3 हवाई पट्टियों पर काम शुरू कर दिया गया है, जबकि लद्दाख की तीन और घाटियों में भी जल्द ही हवाई पट्टी बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। ज्यादातर बनने वाले नए हेलीपैड भारत-चीन सीमा के पास हैं। इसलिए किसी भी आपातकालीन जरूरत जैसे प्राकृतिक आपदा या स्थानीय नागरिकों की मेडिकल इमरजेंसी को पूरा करने के लिए ये हेलीपैड बेहद अहम कड़ी साबित होंगे।
स्वास्थ्य सुविधाओं में भी लद्दाख ने अच्छा प्रदर्शन किया
लद्दाख प्रशासन की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए ले. गवर्नर आरके माथुर ने अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में कोविड के खिलाफ जारी लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग के प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि लद्दाख देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश है, जिसने कोविड की पहली खुराक का 100 प्रतिशत कवरेज हासिल किया है। साथ में 3.2 प्रतिशत से कम वैक्सीन की बर्बादी और 4.6 लाख से अधिक परीक्षण करना विभाग की ईमानदारी, पारदर्शिता, कड़ी मेहनत और दक्षता का प्रतिबिंब है।
इस अवसर पर, उन्होंने कहा, प्रशासन ने 18 साल और उससे कम आबादी के लिए एक प्रतिरक्षा बढ़ाने वाला अभियान भी शुरू किया।
केंद्र शासित प्रदेश के गठन के बाद से पिछले दो वर्षों में विकास के लिए कई पहल की गई हैं। योजनाओं और नई पहलों के कार्यान्वयन में एलएएचडीसी और पीआरआई दोनों की सक्रिय भागीदारी की है। साथ ही 1,700 निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि लद्दाख के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका लगातार निभा रहे हैं।
ऊर्जा के क्षेत्र में भी लद्दाख ने कदम आगे बढ़ाए
ले. गवर्नर ने प्रधानमंत्री के कार्बन तटस्थता के मंत्र को प्राप्त करने के लिए अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को विकसित करने के लद्दाख के प्रयास की बात की और कहा कि एसईसीएल, सीईएसएल, ओएनजीसी जैसे संगठन जल्द ही लद्दाख में अपनी परियोजनाएं शुरू करेंगे, जबकि बागवानी के क्षेत्र में विभिन्न हरित परियोजनाएं और कृषि योजनाएं शुरू की गई हैं।
डिजिटल शिक्षा पर दिया जा रहा है ध्यान
स्कूली शिक्षा पर महामारी के बावजूद आई चुनौती पर प्रकाश डालते हुए, एलजी ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा समय की आवश्यकता बन गई है और इसलिए प्रशासन पूरे लद्दाख में टेलीकनेक्टिविटी में सुधार करने का प्रयास कर रहा है। हाल ही में, इस योजना के तहत, प्रशासन ने कक्षा 6 से 12 तक के सभी सरकारी स्कूली छात्रों को 12,300 टैबलेट स्वीकृत किए, जिसका वितरण वर्तमान में चल रहा है। उन्होंने घोषणा की कि लद्दाख सीबीएसई बोर्ड को अपनाएगा और उम्मीद जताई कि इस फैसले से लद्दाख की शिक्षा प्रणाली में और प्रगति होगी। कारीगरों और उद्यमियों को दिए जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण मॉड्यूल की बात करते हुए, माथुर ने दोहराया कि लद्दाख के उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग से बहुत लाभ होगा।
