सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड से लगभग 48 हजार करोड़ रूपये की लागत के 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस की खरीद करने की मंजूरी दे दी है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा से संबंधित मंत्रिमंडलीय समिति की आज नई दिल्ली में बैठक हुई । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कई ट्वीट में कहा है कि इस सौदे से भारतीय रक्षा साजो सामान विनिर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए बड़ा सकारात्मक परिवर्तन होगा । उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में लड़ाकू बेड़ा तेजस भारतीय वायुसेना में बुनियादी भूमिका अदा करेगा ।
उन्होंने यह भी कहा कि तेजस में इस्तेमाल किए गये साजो सामान अत्याधुनिक हैं जो इससे पहले भारत में इस्तेमाल नहीं किए गये थे । रक्षा मंत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने नाशिक और बंगलुरू में लड़ाकू विमान निर्माण की नई सुविधाएं स्थापित कर दी है । इन नई सुविधाओं से लैस होकर हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड भारतीय वायुसेना को हल्के लड़ाकू विमान – एम के वन ए का उत्पादन किया जायेगा और इसे समय पर भारतीय वायुसेना को उपलब्ध करा दिया जायेगा । यह भी बताया कि आज लिए गये निर्णय से हल्के लड़ाकू विमान इको सिस्टम विस्तार और रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगा ।
एलसीए तेजस लड़ाकू की खरीद मंजूरी मिलने पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने खुशी जताई है । उन्होंने कहा कि हमारा जोर स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत पर है । हमें उम्मीद है कि हमारी वायु सेना बहादुरी के साथ आसमान को छूएगी जिसमें यह प्रमुख घटक विमान शामिल हैं जो कि स्वदेशी हैं । उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य स्वदेशी रक्षा उपकरण के माध्यम से घुसपैठ कर रहे दुश्मनों को सीमा पर से खदेड़ना है ।
तेजस स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है । यह फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम , इंटीग्रेटेड डिजिटल एवियोनिक्स , मल्टीमोड रडार से लैस लड़ाकू विमान है । तेजस चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है । यह लगभग सभी मामलों में चीन और पाकिस्तान पाक द्वारा मिग -21 की नकल कर बनाए गए थंडरबर्ड से बेहतर है । जब बहरीन इंटरनेशनल एयर शो में तेजस को प्रदर्शित करने की बात की गई थी , तब पाक और चीन ने बेइज्जती से बचने के लिए थंडरबर्ड को वहां से हटा लिया था ।तेजस की सर्वाधिक गति 1.6 मैक है । 2000 किलोमीटर की रेंज को कवर करने वाले तेजस का अधिकतम थ्रस्ट 9163 केजीएफ है । इसमें कांच का कॉकपिट , हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले , मल्टी मोड रडार , कंपोजिट स्ट्रक्चर और फ्लाई बाय वायर डिजिटल सिस्टम जैसे आधुनिक फीचर हैं । इस जेट पर दो आर -73 एयर – टू – एयर मिसाइल , दो 1000 एलबीएस क्षमता के बम , एक लेजर डेजिग्नेशन पॉड और दो ड्रॉप टैंक्स हैं । एक तेजस में लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होते हैं । इसका इंजन अमेरिकी है , रडार और वेपन सिस्टम इजरायल का और इजेक्शन सीट ब्रिटेन की है ।
