पिछले 51 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर आज सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 9वे दौर की वार्ता आयोजित किया जाएगा , जिसमें विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करके उनके समाधान करने पर जोर दिया जाएगा, इससे पहले 8 बार वार्ता में सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच कोई निर्णय नहीं हो सका है, सरकार की तरफ से उम्मीद है की किसानों को सहमत करके उनके हर समस्या का समाधान करना है।
वार्ता से पहले दोनों पक्षों के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है । सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फिर दोनों पक्ष आज एक दूसरे के सामने होगा । किसान संगठनों ने बृहस्पतिवार को ट्रैक्टर रैली निकाल कर शक्ति प्रदर्शन किया । इसके जरिए किसान संगठनों ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी और तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर डटे रहने का संकेत दिया । वहीं , सरकार की ओर से भी बार – बार संदेश दिया जा रहा है कि वह कानून वापसी की मांग को स्वीकार नहीं करेगी । इसके बदले वह इन कानूनों के एक – एक प्रावधान पर चर्चा करने के लिए तैयार है ।
किसान 26 जनवरी के अपने प्रस्तावित ‘ किसान परेड ‘ के कार्यक्रम पर अमल करने और दिल्ली कूच करने पर अड़े । संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा घोषित आंदोलन के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है । 18 जनवरी को महिला किसान दिवस मनाने , 20 जनवरी को श्री गुरु गोविंद सिंह की याद में शपथ लेने और 23 जनवरी को आजाद हिंद किसान दिवस पर देश भर में राजभवन का घेराव करने का कार्यक्रम जारी रहेगा । आपको बता दें कि कड़ाके की सर्दी और गिरते पारे के साथ – साथ कोरोना के खतरों के बीच 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग – अलग बॉर्डर पर डटे हैं । लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है । बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी किसान सिंधु , टिकरी , पलवल , गाजीपुर सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं । इस आंदोलन की वजह से दिल्ली की कई सीमाएं सील हैं ।
