प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे का आज शनिवार को दूसरा दिन है। इस दौरान पीएम मोदी ने जशोरेश्वरी काली मंदिर में पूजा-अर्चना की। जशोरेश्वरी काली मंदिर पहुंचने पर उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। बताना चाहेंगे कि प्राचीन जशोरेश्वरी काली मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है।
इस मौक़े पर पीएम मोदी ने कहा “मां काली के चरणों में आने का मुझे सौभाग्य मिला। हमने पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए प्रार्थना की। मां काली पूरी मानव जाति को कोरोना संकट से जल्द से जल्द मुक्ति दिलाएं।” यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि “यहां एक बहुउद्देशीय सामुदायिक हाल की ज़रूरत है। भारत सरकार इस निर्माण के लिए सहयोग करेगी।”
बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की समाधि स्थल पर भी गए पीएम मोदी
तत्पश्चात् प्रधानमंत्री तुंगीपाड़ा स्थित बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के समाधि स्थल पहुंचे जहां बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने पीएम मोदी का अगुआई की। पीएम मोदी ने शेख मुजीबुर रहमान की समाधि पर जाकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने समाधि स्थल पर विजिटर बुक में अपना संदेश भी लिखा। प्रधानमंत्री ने शेख मुजीबुर रहमान के समाधि स्थल परिसर में पौधारोपण भी किया।
बांग्लादेश के ओराकांडी पहुंचे पीएम, मतुआ समुदाय के मंदिर में की पूजा
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश के ओराकांडी पहुंचे जहां उन्होंने मतुआ समुदाय के मंदिर में पूजा-अर्चना की।बता दें बांग्लादेश के ओराकांडी में मतुआ संप्रदाय के संस्थापक हॉरिचान्द ठाकुर का जन्म हुआ था। मतुआ के लोगों का मानना है कि जैसे प्रभु श्री राम की अयोध्या और भगवान कृष्ण की मथुरा है वैसे ही मतुआ संप्रदाय के लोगों के लिए ओरकांडी का ठाकुर नगर है।
मतुआ मंदिर के पुजारी बताते हैं कि जिस जगह पर आज मंदिर बना है एक समय वहां हॉरिचान्द ठाकुर रात के समय में आए। यहीं पर उन्होंने गुरुचंद ठाकुर और उनके छोटे बेटे को अलौकिक तरीके से दिखाया कि उस स्थान पर मंदिर है और उसमें भगवान लक्ष्मी नारायण की मूर्ति स्थापित की गई है और भक्त भगवान की पूजा अर्चना कर रहे हैं। बाद में हॉरिचान्द ठाकुर के उसी वर्णन के अनुसार वहां मंदिर की स्थापना की गई।
मतुआ समुदाय के लोगों को पीएम मोदी ने किया संबोधित
इसके बाद पीएम मोदी ने स्थानीय मतुआ समुदाय के लोगों को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा, आज श्री श्री हॉरिचान्द ठाकुर जी की कृपा से मुझे ओराकांडी ठाकुरबाड़ी की इस पुण्यभूमि को प्रणाम करने का सौभाग्य मिला है। मैं श्री श्री हॉरिचान्द ठाकुर जी, श्री श्री गुरुचान्द ठाकुर जी के चरणों में शीश झुकाकर नमन करता हूं।
उन्होंने कहा कि किसने सोचा था कि भारत का प्रधानमंत्री कभी ओराकांडी आएगा। मैं आज वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जो भारत में रहने वाले ‘मॉतुवा शॉम्प्रोदाई’ के मेरे हजारों-लाखों भाई-बहन ओराकांडी आकर महसूस करते हैं। मुझे याद है, पश्चिम बंगाल में ठाकुरनगर में जब मैं गया था, तो वहां मेरे मॉतुवा भाइयों-बहनों ने मुझे परिवार के सदस्य की तरह प्यार दिया था। विशेष तौर पर ‘बॉरो-मां’ का अपनत्व, मां की तरह उनका आशीर्वाद, मेरे जीवन के अनमोल पल रहे हैं। मैं बांग्लादेश के राष्ट्रीय पर्व पर भारत के आपके 130 करोड़ भाइयों-बहनों की तरफ से आपके लिए प्रेम और शुभकामनाएं लाया हूं। आप सभी को बांग्लादेश की आज़ादी के 50 साल पूरे होने पर ढेरों बधाई, हार्दिक शुभकामनाएं।
भारत और बांग्लादेश अपनी प्रगति से पूरे विश्व की प्रगति देखना चाहते हैं
उन्होंने कहा, भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश अपने विकास से, अपनी प्रगति से पूरे विश्व की प्रगति देखना चाहते हैं। दोनों ही देश दुनिया में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम और शांति चाहते हैं। यही मूल्य, यही शिक्षा श्री श्री हॉरिचान्द देव जी ने हमें दी थी। श्री श्री हॉरिचान्द देव जी के जीवन ने हमको एक और सीख दी है।उन्होंने ईश्वरीय प्रेम का भी संदेश दिया, लेकिन साथ ही हमें हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराया। उन्होंने हमें ये बताया कि उत्पीड़न और दुख के विरुद्ध संघर्ष भी साधना है।
श्री हॉरिचान्द देव जी की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने में उनके उत्तराधिकारी श्री श्री गुरुचॉन्द ठाकुर की बड़ी भूमिका