सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की मॉब लिंचिंग पर सुनवाई जारी की , कोर्ट ने इस मामले की जांच तथा इसमें लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की बेंच ने महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में दाखिल आरोप पत्र भी पेश करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने पालघर में दो साधुओं की कथित रूप से पीट पीट कर हत्या के मामले की सीबीआई या एनआईए से जांच के लिये दायर याचिकाओं पर 11 जून को राज्य सरकार से जवाब मांगा था।
पहली याचिका ‘श्री पंच दषबन जूना अखाड़ा के साधुओं और मृतक साधुओं के रिश्तेदारों ने दायर की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य की पुलिस पक्षपातपूर्ण तरीके से इस घटना की जांच कर रही है।’ दूसरी याचिका घनश्याम उपाध्याय ने दायर की है जिसमें उन्होंने इस घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेन्सी को सौंपने का अनुरोध किया है। एक याचिका में महाराष्ट्र सरकार के अलावा केन्द्र, सीबीआई और महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को पक्षकार बनाया गया है।
इस घटना में मारे गये तीनों व्यक्ति कोविड-19 महामारी के दौरान लागू लॉकडाउन के बीच मुंबई में कांदिवली से कार से गुजरात में सूरत जा रहे थे, जहां उन्हें किसी परिचित के अंतिम संस्कार में शामिल होना था। इनकी गाड़ी को गढ़चिंचली गांव में 16 अप्रैल की रात में पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने रोक ली और उन पर हमला कर दिया। इस हमले में दोनों साधुओं सहित तीन व्यक्ति मारे गये थे।
मारे गये व्यक्तियों में 70 वर्षीय महाराज कल्पवृक्षगिरि, 35 वर्षीय सुशील गिरि महाराज और कार चला रहा 30 वर्षीय नीलेश तेलगड़े शामिल थे।
शीर्ष अदालत ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिये दायर एक याचिका पर एक मई को सुनवाई करते हुये महाराष्ट्र सरकार को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।
इस मामले में महाराष्ट्र की सीआईडी ने 16 जुलाई को धानू तालुका में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 126 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। सीआईडी का दावा है कि उसने 808 संदिग्धों और 118 गवाहों से पूछताछ के बाद आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटायें हैं। सीआईडी के अनुसार उसने इस मामले में 154 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में 11 नाबालिग भी पकड़े गये हैं।
