केंद्रीय बेरूत के पास बंदरगाह में अत्यधिक विस्फोटक सामग्री से भरे एक गोदामों में एक शक्तिशाली विस्फोट में 78 लोग मारे गए और लगभग 4,000 लोग घायल हो गए है। विस्फोट इतना शत्तिशाली था कि 10 किलोमीटर तक धरती हिली और घरों के शीशे टूटे ।
अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मंगलवार के विस्फोट के बाद मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो सकती है , आपातकालीन कर्मचारि लोगों को बचाने और मृतकों को निकालने के लिए मलबे में से खोदा रहे है। ये
बेरूत का सबसे बड़ा और शक्तिशाली विस्फोट था, जो पहले से ही कोरोनोवायरस संक्रमण में वृद्धि और आर्थिक संकट से उबर रहा है ।
राष्ट्रपति मिशेल एउन ने कहा कि फर्टिलाइजर और बमों में इस्तेमाल किया जाने वाला 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट को सुरक्षा उपायों के बिना बंदरगाह पर छह साल तक संग्रहीत किया गया था, जो की अस्वीकार्य है
उन्होंने बुधवार को एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई और कहा कि दो सप्ताह की आपातकाल की घोषणा की जानी चाहिए।
लेबनान के रेड क्रॉस जॉर्ज केतानी के प्रमुख ने ब्रॉडडेस्टर मायाडेन को बताया, “इस वक़्त हालात का सही जायजा लेना मुश्किल है यह बहुत बड़ी घटना है ,हर जगह पीड़ित और हताहत हैं।”
एक सुरक्षा सूत्र ने कहा कि पीड़ितों को शहर के बाहर इलाज के लिए ले जाया गया क्योंकि बेरूत के अस्पताल घायलों से भर चुके थे। देश के उत्तर दक्षिण और पूर्व में बेका घाटी से एम्बुलेंस को मदद के लिए बुलाया गया है।
विशाल विस्फोट ने 1975-90 के गृहयुद्ध और उसके बाद की यादों को ताजा कर दिया, जब लेबनान में भारी गोलाबारी, कार बम विस्फोट और इजरायली हवाई हमले हुए करते थे।
लोग अस्पतालों में अपने लापता प्रियजनों की तलाश में लगे है । एक अस्पताल के कर्मचारी ने बताया कि 200 से 300 लोगों को एक ही आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था।
प्रधान मंत्री हसन दीब ने राष्ट्र से कहा कि “खतरनाक गोदाम” में घातक विस्फोट के लिए जवाबदेही होगी, “इस घटना के जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा”
