मई 2021 में भारत सरकार का वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन 1.02 लाख करोड़ रुपए रहा है, जबकि अप्रैल महीने में यह 1.41 लाख करोड़ रुपए था। जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि लगातार 8वें महीने इसका कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा है। हालांकि अप्रैल 2021 की तुलना में मई का मासिक संग्रह 27 प्रतिशत कम है। सरकार द्वारा जारी किये गए इन आंकड़ों में 4 जून तक के घरेलू लेनदेन से सम्बंधित जीएसटी संग्रह शामिल है।
वित्त मंत्रालय ने जारी किया आंकड़ा
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, ग्रॉस GST रेवेन्यू कलेक्शन मई में 1,02,709 करोड़ रुपए रहा है। इस अवधि में सकल जीएसटी राजस्व मार्च 2021 में 1,02,709 करोड़ रुपये रहा, जिसमें केंद्रीय जीएसटी के 17,592 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी के 22,653 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी के 53,199 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर जमा 26,002 करोड़ रुपये सहित) और उपकर के 9,265 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर जमा 868 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं।
नियम में बदलाव के कारण फाइनल डेटा में होगा बदलाव
सरकार ने नियमों में भी बदलाव किया है। नए नियम के तहत जिन लोगों का सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से ज्यादा है, वे अब अगले महीने के 4 तारीख तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं। बताना चाहेंगे कि इस नियम के मुताबिक मई माह के लिए रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 4 जून तक थी, जो पहले के नियम के मुताबिक 20 मई थी। इसके अलावा जिनका टर्नओवर 5 करोड़ से कम है, वे जुलाई के पहले सप्ताह तक बिना लेट फाइन के रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
आठवीं बार 1 लाख करोड़ के पार
जीएसटी राजस्व लगातार आठवीं बार (अक्टूबर 2020 से लेकर अबतक) 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा है और इसमें लगातार बढ़ोत्तरी होने, महामारी की दूसरी लहर के बाद आर्थिक सुधारों का स्पष्ट संकेत हैं। पिछले कुछ महीनों में कर राजस्व में लगातार वृद्धि में जीएसटी, आयकर और सीमा शुल्क आईटी प्रणालियों तथा प्रभावी कर प्रशासन सहित कई स्रोतों से डेटा का उपयोग करके नकली बिलिंग के खिलाफ लिए जा रहे एक्शन के चलते जीएसटी में इजाफा हुआ है।
क्या है जीएसटी
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया गया एक अप्रत्यक्ष कर है। माल और सेवा कर अधिनियम मार्च 2017 को संसद में पारित किया गया था और 1 जुलाई 2017 को जीएसटी कर लागू हुआ। जीएसटी कराधान में समानता लाता है और इसने भारत में कईं अप्रत्यक्ष करों (एक ऐसा कर जो आय या मुनाफे के बजाय वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया गया हो) को बदल दिया है। जीएसटी भारत में सप्लाई चैन के प्रत्येक चरण पर लगाया जाता है।
