राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प्स अब सीमा और तटवर्ती इलाकों में भी अपनी सेवाएं देगी। इस विस्तार योजना को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी ओर से मंजूरी दे दी है। अब सभी सीमावर्ती और तटीय जिलों में युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विस्तार योजना पर काम शुरू होगा।
इस योजना के प्रस्तावों की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में की थी। यह एनसीसी विस्तार योजना राज्यों के साथ साझेदारी में लागू की जाएगी। नई योजना के तहत 173 सीमान्त और तटीय जिलों के कुल एक लाख कैडेटों को एनसीसी में शामिल किया जाएगा। इसमें एक तिहाई कैडेट्स लड़कियां होंगी।
सीमा और तटीय जिलों में 1000 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों की पहचान की गई है जहां एनसीसी की शुरुआत की जाएगी। विस्तार योजना के हिस्से के रूप में सीमा और तटीय क्षेत्रों में कैडेटों को एनसीसी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कुल 83 एनसीसी इकाइयों को उन्नत किया जाएगा।
इसमें सेना के पास 53, नौसेना के पास 20 और वायु सेना के पास 10 इकाइयों की जिम्मेदारी होगी। सेना सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित एनसीसी इकाइयों को प्रशिक्षण और प्रशासनिक सहायता प्रदान करेगी । नौसेना तटीय क्षेत्रों में एनसीसी इकाइयों को सहायता प्रदान करेगी । इसी प्रकार वायु सेना वायु सेना स्टेशनों के करीब स्थित एनसीसी इकाइयों को सहायता प्रदान करेगी। सीमा और तटीय क्षेत्रों के युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण और जीवन के अनुशासित तरीके से प्रशिक्षण देकर उन्हें सशस्त्र बलों में भी शामिल होने के लिए भी प्रेरित किया जायेगा।
एनसीसी के पास आज लगभग 14 लाख कैडेट्स हैं और पूरे देश में इसकी पहुंच है। इसके 17 निदेशालय हैं जो सभी 29 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करते हैं। इन निदेशालयों को 99 समूहों और 826 इकाइयों में विभाजित किया गया है। इस प्रकार सभी राज्यों में जिला प्रशासन को कैडेट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। जैसा कि निर्देश विभिन्न जिला मुख्यालयों तक पहुंच चुके हैं कि रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन कार्यों के लिए एनसीसी कैडेटों का उपयोग किया जाए, इस संबंध में जिला प्रशासन एनसीसी निदेशालयों से समर्थन मांग रहा है।
सोर्स – प्रसार भारती
