महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को लोगों से आग्रह किया कि वे कोरोना वायरस महामारी के चलते आगामी नवरात्रि और दशहरा त्योहार सादगी से मनाएं . राज्य सरकार ने साथ लोगों को कोरोनावायरस से बचने के लिए बनाए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए भी कहा है सरकार ने कहा है कि वह कोरोनावायरस के खतरे से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है,बस उसमें जनभागीदारी की जरूरत है।
राज्य के गृह विभाग की ओर से दिन में जारी दिशा – निर्देशों ( गाइडलाइन्स ) के तहत त्योहार आयोजकों जिन्हें स्थानीय बोलचाल में मंडल भी कहा जाता है , उनसे कहा गया कि वे कोविड -19 , मलेरिया और डेंगू आदि बीमारियों के बारे में जागरुकता फैलाएं .दिशा – निर्देशों के अनुसार मंडलों की ओर से ( नवरात्रि के दौरान ) स्थापित की जाने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा की ऊंचाई की सीमा चार फुट रखी गई है जबकि घरों में स्थापित की जाने वाली प्रतिमाओं की ऊंचाई दो फुट रखी गई है .
साथ ही सामान्य समय में होने वाले विसर्जन जुलूस , भीड़भाड़ की इजाजत नहीं दी गई है . डिजिटल दर्शन का सुझाव इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि श्रद्धालु इस बार धातु की प्रतिमाओं का चयन करें और स्थानीय केबल नेटवर्क , स्ट्रीमिंग और सोशल मीडिया के जरिये डिजिटल दर्शन करें . इसमें मंडलों को निर्देश दिया गया है कि पंडाल में थर्मल स्क्रीनिंग का इंतजाम करें और पंडालों की साफ – सफाई की जानी चाहिए . सरकार ने कहा कि दर्शन के आकांक्षी श्रद्धालुओं को सामाजिककि दर्शन के आकांक्षी श्रद्धालुओं को सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए और मास्क पहनना चाहिए . कृत्रिम तालाबों में हो विसर्जन सरकार ने कहा कि विसर्जन नगर निगमों , हाउजिंग सोसाइटी , जनप्रतिनिधियों और एनजीओ की मदद से बनाये गए कृत्रिम तालाबों में किया जाना चाहिए . वहीं घर के स्तर पर पर्यावरण अनुकूल मिट्टी की प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाना चाहिए . इसमें कहा गया है कि निषिद्ध क्षेत्रों से घरों की और सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित प्रतिमाओं के विसर्जन की अनुमति नहीं है ।
