विश्व प्रसिद्ध उज्जैन के महाकालेश्वर को घिसने और रगड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर के प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है।
दरअसल कोर्ट ने महाकाल मंदिर में पंचामृत पूजन पर रोक के साथ ज्योतिर्लिंग को घिसने और रगड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। कोर्ट ने महाकाल मंदिर प्रबंधन कमेटी को निर्देश दिया कि वह ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने के हरसंभव उपाय करें। कोर्ट ने कहा कि अब आम श्रद्धालु पंचामृत अभिषेक नहीं करा पाएंगे। सरकारी पूजन में ही पंचामृत से पूजन हो सकेगा। श्रद्धालु केवल दूध और जल ही चढ़ा सकेंगे। इसके अलावा श्रद्धालु केवल आरओ के जल से ही शिवलिंग का अभिषेक कर सकेंगे।
कोर्ट ने कहा कि कोई भी ऐसी सामग्री नहीं चढ़ने दी जाएगी जिससे शिवलिंग को नुकसान पहुंचे। कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन कमेटी को निर्देश दिया कि वो श्रद्धालुओं को शुद्ध पूजन सामग्री उपलब्ध कराए। कोर्ट ने कहा कि शाम पांच बजे के बाद अभिषेक पूरा होने के बाद शिवलिंग की पूरी सफाई होगी और इसके बाद सिर्फ सूखी पूजा होगी।
वहीं इस फैसले को सुनान के बाद जस्टिस अरुण मिश्रा ने अपने साथी जजों से कहा कि शिवजी की कृपा से ये आखिरी फैसला भी हो गया। दरअसल जस्टिस अरुण मिश्रा बुधवार को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले उन्होंने प्रशांत भूषण अवमानना केस समेत चार मामलों में फैसला सुनाया था।
