मणिपुर के बिष्णुपुर से सूदूर इलाके करांग में कोरोना वैक्सीन की डिलीवरी ड्रोन से की गई। सोमवार, 04 अक्टूबर को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मणिपुर में वैक्सीन वितरण के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की शुरुआत की। बिष्णुपुर से 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित करंग द्वीप में केवल 13 मिनट में वैक्सीन पहुंचाई गई। आईसीएमआर के इस पहल की शुरुआत करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि दक्षिण एशिया में पहली बार वैक्सीन की डिलीवरी मेक इन इंडिया ड्रोन से की जा रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है। देश के लोगों के जीवन में बदलाव लाने में तकनीक के इस्तेमाल का ड्रोन बेहतरीन उदाहरण है।
कुल 18 लाभार्थियों को दी गई खुराक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ड्रोन के माध्यम से बिष्णुपुर जिला अस्पताल से लोकतक लेक स्थित करंग की दूरी 26 किलोमीटर है, लेकिन इसकी एरियल दूरी 15 किलोमीटर है। इस दूरी को तय करने में 12 -13 मिनट लगता है। पहली बार ड्रोन के माध्यम में वैक्सीन पहुंचाई गई। इस केन्द्र पर 10 लाभार्थियों को पहली खुराक एवं 8 लाभार्थियों को दूसरी खुराक दी गई। उन्होंने कहा कि देश आखिरी पंक्ति में खड़े लोगों का भी टीकाकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है।
3,000 मीटर तक की ऊंचाई तक की मिली अनुमति
इससे पूर्व नागर विमानन मंत्रालय ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद को अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, मणिपुर और नागालैंड में वैक्सीन वितरण के लिए ड्रोन के इस्तेमाल को सशर्त मंजूरी दी थी। जानकारी के लिए बता दें कि आईसीएमआर को टीकों के वितरण के लिए 3,000 मीटर तक की ऊंचाई पर ड्रोन के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है। यह अनुमति मंजूरी मिलने के एक साल तक या अगले आदेश तक वैध है।
