रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने भौतिक विज्ञान के लिए वर्ष 2021 के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी है। इस कड़ी में सुकुरो मनाबे, क्लॉस हेसलमैन और जॉर्जियो परिसी को यह पुरस्कार देने का एलान किया गया है। इन तीनों वैज्ञानिकों को जटिल भौतिक प्रणालियों को समझने में उल्लेखनीय योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार देने का फैसला लिया गया है। सुकुरो मनाबे ने प्रदर्शित किया कि कैसे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के बढ़े हुए स्तर से पृथ्वी की सतह पर तापमान में वृद्धि होती है। इन वैज्ञानिकों के इस काम ने वर्तमान जलवायु मॉडल के विकास की नींव रखी।
बीते वर्ष ब्लैक होल्स पर की गई शोध के लिए मिला था पुरस्कार
बताना चाहेंगे कि वर्ष 2020 में भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार ब्रिटेन के रोजर पेनरोज, अमेरिकी वैज्ञानिक आंड्रेया घेज और जर्मनी के रिनार्ड गेनजेल को मिला था। इन तीनों को ब्लैक होल्स पर की गई शोध के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। नोबेल समिति के महासचिव थॉमस पर्लमैन ने विजेताओं के नामों की घोषणा करते हुए कहा कि इससे वास्तव में प्रकृति के रहस्यों में से एक का खुलासा होता है। यह वास्तव में ऐसा कुछ है, जो हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है, यह एक बहुत ही अहम और गहन खोज है।
नोबेल पुरस्कार के विजेताओं को एक स्वर्ण पदक के साथ 1.14 मिलियन डॉलर का नकद इनाम दिया जाता है। नोबेल समिति के पैट्रिक अर्नफोर्स ने कहा कि जूलियस ने तंत्रिका सेंसर की पहचान करने के लिए मिर्च के घटक कैप्साइसिन का इस्तेमाल किया। तंत्रिका सेंसर से त्वचा पर तापमान की रिएक्शन होती है।
इससे पूर्व नोबेल वीक के दौरान, बीते सोमवार 04 अक्टूबर को अमेरिकी डेविड जूलियस और अर्डेम पटापाउटियन ने त्वचा में तापमान और स्पर्श को समझने वाले रिसेप्टर्स की खोज के लिए नोबेल जीता था।
