भारत की विकास यात्रा में ”वाहन स्क्रैप नीति” की शुरुआत एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है। दरअसल इस नीति के आने के बाद से ही देश में ”वाहन स्क्रैपिंग अवसंरचना” स्थापित हो पाई। जबकि इससे पहले तक वाहन स्क्रैपिंग को लेकर किसी भी व्यवस्था का कोई नाम-ओ-निशान तक नजर नहीं आता था। पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इस ओर ध्यान दिया और इसे जरूरी मानते हुए बीते साल ”13 अगस्त 2021” को वाहन स्क्रैप नीति की शुरुआत की गई। वाहन स्क्रैप नीति भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
देश में वाहनों के आधुनिकीकरण व सड़कों से अनुपयुक्त वाहनों का हटाने का कार्य
गौरतलब हो, इस नीति का प्रमुख कार्य वाहन स्क्रैपिंग से धीरे-धीरे तथा पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए प्रदूषण फैलाने वाले और अनुपयुक्त वाहनों को हटाना है। जी हां, केंद्र सरकार की यह पॉलिसी देश में वाहनों के आधुनिकीकरण और सड़कों से अनुपयुक्त वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से हटाने में वाहन स्क्रैप नीति बड़ी भूमिका निभाएगी। इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि 21वीं सदी के भारत के लिए स्वच्छ, भीड़-भाड़ मुक्त और सुविधाजनक आवागमन का लक्ष्य, समय की मांग है। ऐसे में भारत का लक्ष्य पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सभी हितधारकों के लिए एक कारगर सर्कुलर इकोनॉमी तैयार करना और मूल्य-संवर्धन करना है। आज का भारत अपने नागरिकों को वैश्विक मानक सुरक्षा और गुणवत्ता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और यही सोच बीएस-4 से बीएस6 की तरफ बढ़ने की वजह है।
पीएम मोदी के ‘वेस्ट टू वेल्थ’ अभियान का सपना हो रहा साकार
याद हो, पीएम मोदी ने ”नई स्क्रैप नीति” को लेकर कहा था कि ”यह नीति अपशिष्ट से धन-निर्माण की चक्रीय अर्थव्यवस्था की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।” और तो और पुराने वाहन के स्क्रैप प्रमाणपत्र वाले लोगों को नया वाहन खरीदने पर पंजीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा और रोड टैक्स में छूट मिलेगी, वो अलग। इस प्रकार आज पीएम मोदी के ”वेस्ट टू वेल्थ” अभियान का सपना साकार हो रहा है। लोगों ने ‘नई स्क्रैप नीति’ का लाभ लेना शुरू कर दिया है।
कैसे लें स्क्रैपिंग फैसिलिटी का लाभ ?
क्या आप भी नई वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटी का लाभ लेने के बारे में सोच रहे हैं? अगर हां तो आपके लिए यह खबर और भी खास हो जाती है। दरअसल, अब वाहन स्क्रैपिंग की प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है। जी हां, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के पंजीकरण और कार्यों के लिए मसौदा अधिसूचना जारी कर दी है। मोटर वाहन (पंजीकरण और वाहन स्क्रैपिंग सुविधा संशोधन कार्य) नियम, 2022 से संबंधित मसौदा अधिसूचना को ’10 मार्च 2022′ को जारी किया गया है। ये मोटर वाहन (पंजीकरण और वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के कार्य) के नियम दिनांक 23 सितंबर 2021 के संशोधन हैं, जो पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) की स्थापना के लिए प्रक्रिया निर्धारित करते हैं। ये संशोधन, इकोसिस्टम के सभी हितधारकों, जैसे वाहन मालिकों, आरवीएसएफ ऑपरेटरों, डीलरों, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकारों आदि के लिए वाहन स्क्रैपिंग की प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाने के लिए किए गए हैं। ये संशोधन, नियमों पर प्राप्त फीडबैक के आधार पर किए गए हैं। कारोबार में आसानी सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को समयबद्ध बनाया गया है।
अब वाहन स्क्रैपिंग की प्रक्रिया बेहद आसान
केंद्र सरकार ने वाहन स्क्रैपिंग की प्रक्रिया को और भी आसान बना दिया है। जिसके तहत केंद्र सरकार ने विभिन्न संशोधन किए हैं…
– वाहन स्वामियों को वाहन स्क्रैपिंग के लिए डिजिटल रूप से आवेदन करने का प्रावधान। वाहनों के स्क्रैपिंग के लिए सभी आवेदन डिजिटल रूप से जमा किए जाएंगे। स्क्रैप करने के लिए वाहन मालिकों को डिजिटल रूप से आवेदन करने में मदद के लिए, आरवीएसएफ सुविधा केंद्र के रूप में कार्य करेंगे।
– वाहन मालिक द्वारा आवेदन जमा करने से पहले वाहन डेटाबेस से की जाने वाली आवश्यक जांच को निर्दिष्ट किया गया है। इन जांचों में शामिल हैं – वाहन का किराया-खरीद, पट्टा या अवधारणा समझौता जमा करना, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के रिकॉर्ड में वाहन के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, वाहन पर कोई बकाया नहीं है और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों द्वारा वाहन को ब्लैकलिस्ट करने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इनमें से किसी भी जांच में विफल रहने वाले वाहनों के लिए आवेदन जमा नहीं किये जायेंगे।
– वाहन जमा करने के समय वाहन मालिक और आरवीएसएफ ऑपरेटर द्वारा वचन-पत्र की शुरुआत से यह सुनिश्चित होगा कि स्क्रैपिंग के लिए प्रस्तुत करने से पहले और बाद में वाहन की जिम्मेदारी में पारदर्शिता बरती गयी है।
