भारत की समुद्री सेना की ताकत में और अधिक इजाफा होने वाला है। जी हां, दरअसल देश के पहले तैरते मिसाइल परीक्षण रेंज यानि फ्लोटिंग मिसाइल टेस्ट रेंज INS अन्वेश का समुद्री परीक्षण इस महीने शुरू होने वाला है। ‘फ्लोटिंग मिसाइल टेस्ट रेंज’ को ‘एफटीआर’ भी कहा जाता है। बताना चाहेंगे कि आने वाले दिनों में यह एफटीआर न केवल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के मिसाइल प्रोजेक्ट को गति देने वाला है बल्कि बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम के दूसरे चरण के लिए इंटरसेप्टर मिसाइलों के लाइव परीक्षण करने में भी आसानी होगी।
दो माह तक चलेगा यह परीक्षण
यह परीक्षण करीब दो माह तक चलेगा, जिसके बाद एफटीआर के चालू होने की उम्मीद है। इस जहाज का निर्माण कोचीन शिपयार्ड ने किया है, जबकि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इसे डिजाइन किया है। लगभग 9,000 टन के जहाज का उपयोग आबादी या समुद्री यातायात के साथ-साथ खतरे के बिना हिन्द महासागर के अंदर 1,500 किलोमीटर की दूरी तक मिसाइलों का परीक्षण करने के लिए किया जाएगा।
इस साल कम से कम बैलिस्टिक मिसाइल वाले चार जहाज चालू होने की उम्मीद
भारत को इस साल कम से कम चार जहाजों को चालू करने की उम्मीद है, जिसमें बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग जहाज आईएनएस ध्रुव को 10 सितम्बर को राष्ट्रीय अनुसंधान तकनीकी संगठन (एनटीआरओ) को सौंप दिया गया है। स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम और डीजल हमला पनडुब्बी आईएनएस वेला, कलवरी का चौथा पोत क्लास भी साल के अंत तक चालू हो जाएगा।
INS अन्वेश का समुद्री परीक्षण इसी महीने होगा शुरू
इनके चालू होने के बाद एफटीआर आईएनएस अन्वेश भविष्य की मिसाइल परियोजनाओं को गति देगा, क्योंकि यह थकाऊ अभ्यास से गुजरे बिना एक तैयार सुरक्षा गलियारा प्रदान करेगा। इस एफटीआर से समुद्र में 400 से 500 समुद्री मील की दूरी पर मिसाइलों और टॉरपीडो का परीक्षण आसानी से किया जा सकेगा। अभी तक कुछ चुनिंदा देश ही एफटीआर का संचालन करते हैं।
DRDO ने बीएमडी के दूसरे चरण में परीक्षण के लिए बनाई योजना
डीआरडीओ ने बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) के दूसरे चरण में परीक्षण के लिए इंटरसेप्टर मिसाइलें, लॉन्च पैड, नियंत्रण और मिशन नियंत्रण केंद्र के अलावा इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल मिसाइल ट्रैकिंग, एस-बैंड रडार ट्रैकिंग, टेलीमेट्री उपकरणों से लैस पोत का उपयोग करने की योजना बनाई है। बीएमडी के दूसरे चरण में एफटीआर के साथ 2,000 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन की मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों के लाइव परीक्षण और नष्ट करने की परिकल्पना की गई है। एफटीआर नौसेना को लाइव मिसाइल और टारपीडो फायरिंग के साथ-साथ भारतीय सेना के साथ सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइलों की भी अनुमति देगा।
(इनपुट हिंदुस्तान समाचार)
