भारतीय जनता पार्टी के एक समर्थक को उत्तर बंगाल के उत्तर दिनाजपुर में पुलिस द्वारा कथित तौर पर मौत के घाट उतारने के तीन दिन बाद, शनिवार को पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या और अपहरण का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए अदालत के आदेशों पर दूसरी बार शव का पोस्टमार्टम किया। जबकि पुलिस ने दावा किया था कि अनूप रॉय एक ड्रग एडिक्ट था और उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था, परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उसे पीट-पीटकर मार डाला गया।
घटना को लेकर रायगंज जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जसप्रीत सिंह ने कहा कि मृतक की मां गीता रॉय की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 363 (अपहरण) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार 28 अगस्त को एक व्यापारी के सात लूट के मामले में रॉय को हिरासत में लिया गया था। बंदूक की नोट पर व्यापारी से हुई लूट के इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने मास्टरमाइंड में रॉय का नाम लिया था, लेकिन जब उसे बुधवार को पुलिस स्टेशन लाया जा रहा था तभी वह बीमार पड़ गया और फिर अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
उत्तर दिनाजपुर जिले के पुलिस अधीक्षक सुमीत कुमार ने कहा कि पुलिस ने उसे प्रताड़ित नहीं किया। वह पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने के बाद अचानक गिर गया, जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि, रॉय की मां ने आरोप लगाया है कि उसको मारा गया है।
गुरुवार को उसने पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। यहां तक बीजेपी ने भी आरोप लगाया कि रॉय की हत्या की गई क्योंकि वो बीजेपी समर्थक था। बीजेपी ने यहां तक आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे टीएमसी का हाथ है। उत्तर दिनाजपुर जिले के अध्यक्ष बिस्वजीत लाहिड़ी ने कहा कि रॉय ने सात महीने पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे।
हालांकि, टीएमसी ने आरोपों को खंडन किया है। टीएमसी ने कहा कि जब भी कोई घटना होती है तो भाजपा को टीएमसी को दोष देने की जल्दी होती है। बीजेपी हर जगह टीएमसी पर आरोप लगाती है। जबकि टीएमसी से घटना से दूर तक कोई संबंध नहीं।
सोर्स – लाइव एच
