प्रधानमंत्री ने आज उत्तरप्रदेश में कुशीनगर अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करते हुए कहा कि पवित्र कुशीनगर अब दुनिया से जुड गया है। उन्होंने कहा कि भारत बुद्ध से जुडे स्थानों का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है और इन पवित्र स्थानों में बेहतर संपर्क सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में देश में नागरिक उड्डयन क्षेत्र का विकास हुआ है। उडान योजना के तहत 9 सौ से ज्यादा मार्गो को स्वीकृति मिली है और इनमें से साढे तीन सौ से ज्यादा मार्गों पर हवाई सेवाएं शुरू भी हो चुकी हैं। श्री मोदी ने कहा कि पहले से बंद पडे 50 से ज्यादा हवाई अड्डों पर अब विमानों का आवागमन शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एयर इंडिया के संबंध में एक बडा कदम उठाया गया है। इससे नागरिक उड्डयन क्षेत्र में नई जान आ जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरूआत की गई है। इससे विभिन्न बुनियादी ढांचा विकास क्षेत्र जैसे सडक और रेल बेहतर समन्वय के साथ काम कर सकेंगे।
इससे पहले केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पिछले 70 साल में देश में केवल 74 हवाई अड्डों का ही निर्माण हो सका था लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले सात साल में 54 नये हवाई अड्डे बनाए गए हैं और अब देश में कुल 128 हवाई अड्डे हैं।
उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय कानून और न्याय मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी तथा अन्य गणमान्य लोग भी इस अवसर पर उपस्थित हैं।
इससे पहले लगभग 9 बजे कोलम्बो से सौ लोगों और बौद्ध भिक्षुओं को लेकर पहली उडान कुशीनगर हवाई अड्डे पर उतरी। श्रीलंका, थाईलैंड, म्यामां, दक्षिण कोरिया, नेपाल, भूटान, कम्बोडिया के प्रमुख बौद्ध भिक्षु और विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भी शरद पूर्णिमा के अवसर पर इस समारोह में हिस्सा ले रहे हैं।
कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को 260 करोड रूपये की लागत से बनाया गया है। इससे देशी तथा विदेशी तीर्थयात्री भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल की यात्रा कर सकेंगे।
नये टर्मिनल में तीन सौ यात्रियों की क्षमता है। यह हवाई अड्डा दुनिया भर के पवित्र बौद्ध तीर्थस्थलों को जोडने का प्रयास है। इस हवाई अड्डे से उत्तर प्रदेश और बिहार के नजदीकी जिले जुडेंगे और निवेश तथा रोजगार के अवसरों को बढावा देने में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। पर्यटन में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि का अनुमान है।
भगवान बुद्ध ने 487 ईसापूर्व में कुशीनगर में अपना अंतिम उपदेश दिया था और महापरिनिर्वाण को प्राप्त हुए थे।
कुशीनगर बौद्ध सर्किट का केन्द्र है। इस सर्किट में लुम्बिनी, सारनाथ और गया जैसे तीर्थस्थल शामिल हैं। दक्षिण एशियाई देशों से सीधी विमान सेवा शुरू होने से
श्रीलंका, जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया, चीन, थाईलैंड, वियतनाम और सिंगापुर के तीर्थयात्रियों के लिए कुशीनगर पहुंचना और यहां की समृद्ध विरासत को अनुभव करना आसान हो जायेगा।
