भारत की महारत्न कंपनियों में से एक सेल यानी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने शुक्रवार को जून 2021 तिमाही के लिए 3,897.36 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की तरफ से बीएसई फाइलिंग में कहा गया कि कंपनी ने एक साल पहले की तिमाही में 1,226.47 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। लेकिन इस वर्ष अप्रैल-जून के दौरान इसकी शुद्ध आय एक साल पहले की अवधि के 9,346.21 करोड़ रुपए की तुलना में दोगुनी से अधिक, 20,754.75 करोड़ रुपए हो गई है। यह सेल के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। सेल के लिए इस बार का कुल खर्च 15,604.07 करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले 11,325.10 करोड़ रुपए था।
3.77 मिलियन टन कच्चे इस्पात का हुआ उत्पादन
कंपनी की तरफ से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि इस तिमाही के दौरान कच्चे इस्पात का उत्पादन 3.77 मिलियन टन रहा जबकि बिक्री 3.32 मिलियन टन रही। इसके अध्यक्ष सोमा मंडल ने कहा, ” प्रमुख तिमाही के दौरान, COVID-19 की दूसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव के बावजूद सेल का यह प्रदर्शन उद्देश्य-संचालित रणनीति और लचीलेपन की गवाही देता है।” उन्होंने कहा कि हालांकि इस तिमाही में स्टील उत्पादों की मांग में मार्च 2021 की तिमाही के समान गति नहीं थी, लेकिन संचालन के कई क्षेत्रों में केंद्रित हस्तक्षेप ने इस मजबूत प्रदर्शन को हासिल करने में मदद की है।
सेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार डिवीजन आईएसओ 9001: 2000 से है प्रमाणित
सोमा मंडल ने कहा कि बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, पैकेजिंग और ऑटोमोटिव जैसे क्षेत्रों से आने वाली घरेलू खपत के साथ वर्ष के उत्तरार्ध में अच्छी मांग रहने की उम्मीद है। इसका संकेत वर्तमान खपत चक्र और भविष्य के क्षेत्रीय रुझानों से मिलता है। इस्पात मंत्रालय के अधीन सेल, देश की सबसे बड़ी इस्पात बनाने वाली कंपनी है, जिसकी इस्पात बनाने की वार्षिक क्षमता लगभग 21 मिलियन टन है। सेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार डिवीजन आईएसओ 9001: 2000 से प्रमाणित है। इसका कार्यालय नई दिल्ली में है और यह सेल के पांच एकीकृत इस्पात कारखानों से मृदुल इस्पात उत्पादों तथा कच्चे लोहे का निर्यात करता है। गत चार दशक में सेल ने इस्पात निर्माण में तकनीकी तथा प्रबंधकीय विशेषज्ञता प्राप्त की है।
अनेक प्रकार के इस्पात के सामान का उत्पादन और बिक्री
स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) भारत में इस्पात निर्माण में लगी एक प्रमुख कंपनी है। यह पूर्णतः एकीकृत लोहे और इस्पात का सामान तैयार करती है। कंपनी में घरेलू निर्माण, इंजीनियरी, बिजली, रेलवे, मोटरगाड़ी और सुरक्षा उद्योगों तथा निर्यात बाजार में बिक्री के लिए मूल तथा विशेष, दोनों तरह के इस्पात तैयार किए जाते हैं। यह कारोबार के हिसाब से देश में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी 10 कम्पनियों में से एक है। सेल अनेक प्रकार के इस्पात के सामान का उत्पादन और उनकी बिक्री करता है। इनमें हॉट तथा कोल्ड रोल्ड शीटें और कॉयल, जस्ता चढ़ी शीट, वैद्युत शीट, संरचनाएं, रेलवे उत्पाद, प्लेट बार और रॉड, स्टेनलेस स्टील तथा अन्य मिश्र धातु इस्पात शामिल हैं। सेल अपने पांच एकीकृत इस्पात कारखानों और तीन विशेष इस्पात कारखानों में लोहे और इस्पात का उत्पादन करता है।
लम्बे तथा सपाट इस्पात उत्पादों की घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में है भारी मांग
सेल के व्यापक लम्बे तथा सपाट इस्पात उत्पादों की घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारी मांग है। बिक्री का कार्य सेल का अपना केन्द्रीय विपणन संगठन (सीएमओ) करता है। सीएमओ के 4 क्षेत्रों में 37 शाखा कार्यालयों से बिक्री की जाती है। इसके अलावा 25 विभागीय गोदाम, 42 कंसाइनमेंट एजेन्ट, 27 उपभोक्ता सम्पर्क कार्यालय भी संगठन के बिक्री नेटवर्क के अंश हैं। घरेलू बाजार में बिक्री के केंद्रीय विपणन संगठन के प्रयासों में ग्रामीण डीलरों का बढ़ता हुआ एक नेटवर्क देश के कोने-कोने में छोटे से छोटे उपभोक्ता की मांग पूरी कर रहा है। इस समय सेल के 2000 से अधिक डीलर हैं। इसका विशाल विपणन तंत्र देश के सभी जिलों में उच्च गुणवत्ता के इस्पात की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है।
कमाल का है प्रबंधन
सेल परामर्शदात्री डिवीजन (सेलकॉन), जिसका कार्यालय नई दिल्ली में है, विश्व भर के ग्राहकों को इस विशेषज्ञता का लाभ उपलब्ध करा रहा है। सेल का रांची में एक सुगठित लोहे और इस्पात के लिए अनुसंधान एवं विकास केन्द्र (आरडीसीआईएस) है। यह केन्द्र इस्पात उद्योग के लिए नई तकनीकों के विकास तथा इस्पात की गुणवत्ता में सुधार में मदद दे रहा है। इसके अलावा सेल का एक अपना इंजीनियरी तथ तकनीकी केन्द्र (सेट), एक प्रबंध प्रशिक्षण संस्थान (एमटीआई) तथा सुरक्षा संगठन भी है। इनके कार्यालय रांची स्थित हैं। कोलकाता स्थित कच्चा माल डिवीजन निजी खानों का नियंत्रण करता है। सेल के पर्यावरण प्रबंधन डिवीजन और विकास डिवीजन के मुख्यालय कोलकाता में हैं। इसके लगभग सभी इस्पात कारखाने और प्रमुख यूनिटें आईएसओ प्रमाणित हैं। इस्पात उत्पादन और विपणन के क्षेत्र में सेल लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
