भक्तों के पंढरपुर आवागमन को सुविधाजनक बनाने के प्रयास के तहत पीएम मोदी ने सोमवार, 08 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग (एनएच-965) के पांच खंडों और श्री संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग (एनएच-965जी) के तीन खंडों को चार लेन बनाने के कार्य की आधारशिला रखी। जानकारी के लिए बता दें कि इन राष्ट्रीय राजमार्गों के दोनों ओर ‘पालकी’ के लिए समर्पित पैदल मार्ग का निर्माण किया जाएगा, जिससे भक्तों को परेशानी मुक्त और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध होगा। श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण पांच चरणों में होगा और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अतीत में हमारे भारत पर कितने ही हमले हुये, सैकड़ों साल की गुलामी में ये देश जकड़ा गया। प्राकृतिक आपदाएँ आईं, चुनौतियाँ आईं, कठिनाइयाँ आईं, लेकिन भगवान विट्ठल देव में हमारी आस्था, हमारी दिंडी वैसे ही अनवरत चलती रही। आज भी ये यात्रा दुनिया की सबसे प्राचीन और सबसे बड़ी जन-यात्राओं के रूप में, पीपल मूवमेंट के रूप में देखी जाती है। ‘आषाढ एकादशी’ पर पंढरपुर यात्रा का विहंगम दृश्य कौन भूल सकता है. हजारों-लाखों श्रद्धालु, बस खिंचे चले आते हैं।
भगवान विट्ठल का दरबार सबके लिए खुला
पीएम मोदी ने कहा कि भगवान विट्ठल का दरबार हर किसी के लिए समान रूप से खुला है और जब मैं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास कहता हूं, तो उसके पीछे भी तो यही भावना है। यही भावना हमें देश के विकास के लिए प्रेरित करती है, सबको साथ लेकर, सबके विकास के लिए प्रेरित करती है।
वारकरी आंदोलन के विषय पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस आंदोलन की एक विशेषता रही और वह है पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर वारी में चलने वाली हमारी बहनें, देश की स्त्री शक्ति! पंढरी की वारी, अवसरों की समानता का प्रतीक हैं. वारकरी आंदोलन का ध्येय वाक्य हैं, ‘भेदाभेद अमंगळ’।
भारतीय भूमि का योगदान सराहनीय
पीएम मोदी ने कहा कि भारत भूमि की ये विशेषता है कि समय-समय पर, अलग-अलग क्षेत्रों में, ऐसी महान विभूतियां अवतरित होती रहीं, देश को दिशा दिखाती रहीं। दक्षिण में मध्वाचार्य, निम्बार्काचार्य, वल्लभचार्य, रामानुजाचार्य हुए, पश्चिम में नरसी मेहता, मीराबाई, धीरो भगत, भोजा भगत, प्रीतम हुए, उत्तर में रामानंद, कबीरदास, गोस्वामी तुलसीदास, सूरदास, गुरु नानकदेव, संत रैदास हुए, पूर्व में चैतन्य महाप्रभु, और शंकर देव जैसे संतों के विचारों ने देश को समृद्ध किया।
जानकारी के लिए बता दें कि संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग के दिवेघाट से लेकर मोहोल तक के लगभग 221 किलोमीटर लंबे खंड और संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग के पतस से लेकर टोंदले-बोंदले तक के लगभग 130 किलोमीटर लंबे खंड को चार लेन का बनाया जायेगा। चार लेन वाले इन खंडों के दोनों ओर ‘पालकी’ के लिए समर्पित पैदल मार्ग बनाए जायेंगे। इन चार लेन और समर्पित पैदल मार्गों की अनुमानित लागत क्रमशः 6690 करोड़ रुपये और लगभग 4400 करोड़ रुपये से अधिक होगी।
पीएम मोदी ने पंढरपुर तक आवागमन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों पर 223 किलोमीटर से अधिक लंबी पूर्ण निर्मित एवं उन्नत सड़क परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित की। इन सड़क परियोजनाओं की अनुमानित लागत 1180 करोड़ रुपये से अधिक है।
ये परियोजनाएं हैं शामिल
इन परियोजनाओं में म्हसवड-पिलीव-पंढरपुर (एनएच 548ई), कुर्दुवाड़ी-पंढरपुर (एनएच 965सी), पंढरपुर-संगोला (एनएच 965सी), एनएच 561ए का तेम्भुरनी-पंढरपुर खंड और एनएच 561ए के पंढरपुर-मंगलवेढा-उमाडी खंड शामिल हैं।
