कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में आक्सिजन का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देश में फिलहाल ऑक्सीजन का भंडार 50 हजार मीट्रिक टन से अधिक है और अभी हर दिन अधिकतम 3 हजार मेट्रिक टन की खपत हो रही है। ज्ञात हो, कोविड-19 से प्रभावित रोगियों के उपचार में मेडिकल ऑक्सीजन एक महत्वपूर्ण घटक है।
7 हजार मेट्रिक टन से अधिक है देश की दैनिक उत्पादन क्षमता
इस वक्त देश में ऑक्सीजन के लिए लगभग 7,127 मेट्रिक टन (एमटी) की पर्याप्त उत्पादन क्षमता है और आवश्यकतानुसार, इस्पात संयंत्रों के पास उपलब्ध सरप्लस ऑक्सीजन को भी उपयोग में लाया जा रहा है। देश प्रतिदिन 7,127 एमटी ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहा है। इसके मुकाबले, जैसा कि ईजी-2 द्वारा निर्देश दिया गया है पिछले दो दिनों से कुल उत्पादन 100 प्रतिशत रहा है, क्योंकि मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बहुत तेजी से बढ़ी है। 12 अप्रैल 2021 को, देश में मेडिकल ऑक्सीजन की खपत 3,842 एमटी थी, जो कि दैनिक उत्पादन क्षमता का 54 प्रतिशत है।
इन राज्यों में अधिक है ऑक्सीजन की मांग
देश में मेडिकल ऑक्सीजन की अधिकतम खपत महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली जैसे राज्यों द्वारा की जा रही है, जिसके बाद छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान का स्थान आता है।
केंद्र ने कहा है कि बढ़ते मामलों के साथ, मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता को राज्यों की आवश्यकताओं के साथ तालमेल रखना होगा। हालांकि ऑक्सीजन विनिर्माण इकाइयों में उत्पादन में वृद्धि और उपलब्ध सरप्लस स्टॉक के साथ, ऑक्सीजन की वर्तमान उपलब्धता पर्याप्त है लेकिन फिर भी केंद्र ने चेताया है कि राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए और सुनिश्चित करना होगा कि ऑक्सीजन की बर्बादी न होने पाए। ईजी-2 ने कहा है कि , राज्यों को अनिवार्य रूप से नियंत्रण कक्षों की स्थापना करनी चाहिए, जिससे कि आवश्यकता के अनुसार जिलों को ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके और सिलेंडरों, टैंकरों आदि की जरूरत की समय रहते समीक्षा हो सके।
क्या है ईजी-2
मार्च-2020 में कोविड महामारी के दौरान उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव डॉ. गुरुप्रसाद महापात्र की अध्यक्षता में अधिकारियों का एक अंतर-मंत्रालयी अधिकार प्राप्त समूह का गठन किया गया था। इसी अंतर-मंत्रालयी समूह को ईजी-2 के नाम से जाना जाता है। ईजी-2 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय आदि सहित विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जिससे प्रभावित राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन सहित अनिवार्य मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता उचित समय पर सुनिश्चित की जा सके।
पिछले एक साल में ईजी-2 के कार्य
पिछले एक वर्ष से, ईजी-2 प्रभावित राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन सहित अनिवार्य मेडिकल उपकरणों की सहज आपूर्ति को सुगम बनाता रहा है तथा इसकी निगरानी करता रहा है और समय-समय पर उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का समाधान करता रहा है। बढ़ते कोविड मामलों के वर्तमान संदर्भ में ईजी-2 लगातार बैठकें कर रहा है तथा राज्यों को विशेष रूप से मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति से संबंधित अनिवार्य मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति को सुगम बनाने में लगा है। ईजी-2 आवश्यकता के अनुसार राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुगम बनाने के लिए राज्यों, ऑक्सीजन विनिर्माताओं और अन्य हितधारकों के साथ नियमित रूप से बैठकें और परस्पर बातचीत करता रहा है।
दैनिक मैपिंग की चल रही है तैयारी
ईजी-2 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप डीपीआईआईटी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय, गंभीर रूप से प्रभावित विभिन्न राज्यों, ऑक्सीजन विनिर्माताओं के प्रतिनिधियों सहित प्रमुख हितधारकों के साथ पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ), अखिल भारतीय औद्योगिक गैस विनिर्माता संघ (एआईआईजीएमए) के अधिकारियों के बीच विस्तृत दैनिक विचार-विमर्श के आधार पर प्रभावित राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए स्रोतों की एक विस्तृत दैनिक मैपिंग की तैयारी चल रही है, जिससे हर दिन जानकारी रहे की कहाँ कितनी ऑक्सीजन बची है और कहाँ कितनी आवश्यकता है। जिससे मेडिकल ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति समय पर सुनिश्चित की जा सके।
