देशभर में कोरोना की दूसरी लहर का सामना सरकार अपने पूरे दम-खम के साथ कर रही है। इस क्रम में सरकार ने इतने कम समय में बुनियादी सुविधाओं के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वयवस्था और हालातों पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बराबर नजर बनाए हुए हैं। महामारी से इस जंग में अन्य मंत्रालय चाहे वह रेल मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय या वित्त मंत्रालय हो, भरपूर साथ दे रहे हैं। कोरोना के खिलाफ जारी जंग में अहम बात यह है कि पिछले एक महीने में सरकार ने कई त्वरित फैसले लिए जिसकी वजह से आज हम लड़ पा रहे हैं। आइसोलेशन बेड, ICU बेड या लैब सरकार ने सभी की संख्या को तीव्र गति से बढ़ाया है।
स्वास्थ्य सुविधाओं का हुआ तेजी से विकास
कोविड जांच और स्वास्थ्य सेवाओं की बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता पर प्रकाश डालते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 9 अप्रैल को बताया कि इस समय देश में कोविड जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या 2449, जिसमें से 1230 सरकारी प्रयोगशालाएं और 1219 निजी प्रयोगशालाएं हैं। उन्होंने कहा कि देश ने कोविड महामारी के प्रबंधन के लिए अस्पतालों के बुनियादी ढांचों में काफी सुधार किया। इसके लिए 2084 कोविड समर्पित अस्पताल (केंद्र: 89 और राज्य: 1995) कुल 4,68,974 कोविड बिस्तरों के साथ स्थापित किए गए। इन बिस्तरों में से 2,63,573 विशेष रूप से अलग बिस्तर, 50,408 आईसीयू बिस्तर और 1,54,993 ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्तर शामिल हैं। इसके अलावा कोविड के इलाज के लिए विशेष रूप से 4043 (केंद्र: 85 और राज्यों: 3,958) स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए। इनमें कुल 3,57,096 बिस्तर हैं, जिनमें से 2,31,462 आइसोलेशन बिस्तर, 25,459 आईसीयू बिस्तर और 1,00,175 ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्तर लगाए गए। कुल 12,673 क्वारंटाइन केंद्र और 9313 कोविड देखभाल केंद्र स्थापित किए गए, जिनमें 9,421 बिल्कुल अलग रखे जाने वाले बिस्तर हैं।
वहीं 17 अप्रैल को राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ हुई बैठक में ”डॉ. हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य मंत्रियों को याद दिलाते हुए कहा था कि पिछले साल केंद्र ने राज्यों को 34,228 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए थे और वेंटिलेटर की नई आपूर्ति का आश्वासन दिया था । इनमें से 1,121 वेंटिलेटर महाराष्ट्र को, 1,700 उत्तर प्रदेश को, 1,500 झारखंड, 1,600 गुजरात को, 152 मध्य प्रदेश को और 230 छत्तीसगढ़ को दिए जाने की बात कही गई।
देशभर के 10 एम्स और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ तथा जेआईपीएमईआर पुडुचेरी के निदेशकों के साथ केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने 20 अप्रैल को उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। डॉ. हर्ष वर्धन ने इस बैठक में बताया कि सभी संस्थानों ने संयुक्त रूप 879 सामान्य बेड और 219 आईसीयू बेड बढ़ाए हैं। उन्होंने आगे कहा कि झज्जर स्थित एम्स के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर ने अपने कोविड ब्लॉक में 100 बेड शामिल किए हैं, जबकि नई दिल्ली स्थित एम्स के जेपीएनएटीसी केन्द्र में कोविड मरीजों के लिए 80 बेड शामिल किए गए हैं।
दिल्ली के केन्द्रीय अस्पतालों में भी बढ़ाये गए बेड
वहीं सिर्फ दिल्ली में केन्द्र सरकार के अस्पतालों (सफदरजंग अस्पताल, डॉ. आरएमएल अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज) और एम्स में भी सुविधाओं का विस्तार हुआ है।
सफदरजंग अस्पताल 172 और कोविड बिस्तरों (कुल 391) के साथ बिस्तरों की उपलब्धता को बढ़ा रहा है। इसके साथ–साथ, सफदरजंग अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक को केवल कोविड रोगियों के लिए एक विशेष ब्लॉक में बदल दिया जाएगा। साथ ही सीएसआईआर की मदद से 46 बिस्तरों (32 आईसीयू बिस्तरों सहित) और जोड़े जा रहे हैं। डॉ. आरएमएल अस्पताल में गैर – कोविड भवनों को कोविड समर्पित उपचार सुविधाओं के लिए परिवर्तित कर रहे हैं। यह कदम कोविड रोगियों को 200 अतिरिक्त बिस्तर मुहैया कराएगा।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) में, सीएसआईआर द्वारा 240 और बेड बनाए जा रहे हैं, जो जल्द ही चालू हो जाएंगे। एम्स, नई दिल्ली के निदेशक ने 23 अप्रैल को अन्य वार्डों/ब्लॉकों जैसे कि बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी सेंटर, एनसीआई झज्जर, डॉ. आर. पी. सेंटर फॉर ओफ्थैलेमिक साइंसेज और जेरियाट्रिक वार्डों में और अधिक बिस्तर को जोड़ने से संबंधित विस्तार की योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की है। उन्होंने बताया था कि केवल कोविड रोगियों के लिए समर्पित बिस्तरों की कुल क्षमता को बढ़ाकर 1000 से अधिक की जाएगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अन्य मंत्रालयों से भी मांगा सहयोग.
16 अप्रैल को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय रूप से बढ़ोत्तरी करने के लिए सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मंत्रालयों के नियंत्रण या उनके पीएसयू के तहत आने वाले अस्पतालों को कोविड केयर के लिए अस्पतालों के भीतर ही विशिष्ट समर्पित अस्पताल वार्ड या अलग ब्लॉक स्थापित करे, जैसा कि पिछले वर्ष किया गया था। इसके अतिरिक्त इन समर्पित अस्पताल वार्डों या ब्लॉकों में समर्पित स्वास्थ्य कार्य बल के साथ-साथ ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, आईसीयू बेड, वंटीलेटर तथा स्पेशलाइज्ड क्रिटिकल केयर यूनिट (जहां उपलब्ध हो), प्रयोगशाला सेवाएं, किचन, लॉन्ड्री आदि सहित सभी सपोर्टिव तथा एनसिल्री सेवाएं उपलब्ध कराने की भी सुविधा करने को कहा था।
रक्षा मंत्रालय कर रहा है जी-जान से मदद
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष ने 24 अप्रैल को जानकारी दी थी कि शाम तक नई दिल्ली के सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड अस्पताल में 250 बेड का कार्य हो जाएगा, जिससे कुल बिस्तरों की संख्या 500 हो जाएगी। गुजरात में डीआरडीओ ने 1,000 बेड के अस्पताल की स्थापना पूरी कर ली है । उन्होंने आगे बताया था कि लखनऊ में कोविड सुविधा स्थापित करने के लिए काम जोरों पर है जो अगले 5-6 दिनों में चालू हो जाएगी । इन अस्पतालों को एयर फोर्स मेडिकल सर्विसेज़ के साथ समन्वय और स्थानीय राज्य सरकारों की सहायता से चलाया जाएगा।
डॉ हर्षवर्धन ने 24 अप्रैल कहा था कि एक सप्ताह में सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड सेंटर छतरपुर की क्षमता को बढ़ाकर 1500 और अंत में 2000 बिस्तरों को समायोजित किया जाएगा। इस अस्पताल का संचालन आईटीबीपी कर रही है।
पीएसयू (PSU) भी दे रहे हैं साथ
देशभर में हाल के दिनों में कोविड-19 संक्रमित रोगियों की संख्या में आई भारी बढ़ोत्तरी के विरुद्ध लड़ाई में रक्षा मंत्रालय के सभी लोक उपक्रम (डीपीएसयू) और आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) नागरिक प्रशासन/राज्य सरकारों की हर सम्भव सहायता कर रहे हैं। 25 अप्रैल को एक प्रेस रिलीज मे बताया गया कि संकट की इस घड़ी में ये संगठन अपने वर्तमान संसाधनों और सेवाओं का राज्यों की सरकारों के साथ समन्वय करते हुए नागरिक प्रशासन की सहायता में जुटे हुए हैं।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वार बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थापित गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू), ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सहायता युक्त 180 बेड वाले कोविड देखरेख केंद्र ने अपना काम शुरू कर दिया है। रक्षा क्षेत्र के इस लोक उपक्रम ने कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) के अंतर्गत बेंगलुरु में 250 बेड वाली सुविधा का भी निर्माण करके उसे नगर निकाय प्रशासन को सौंप दिया है। कोरापुट, ओडिशा में एक 70-बेड वाली सुविधा और महाराष्ट्र के नासिक में एक 40-बेड वाला अस्पताल भी इस समय चालू है। एचएएल द्वारा लखनऊ, उत्तर प्रदेश में भी 250-बेड वाली एक कोविड सुविधा का निर्माण किया जा रहा है। इसके मई के पहले सप्ताह में खुल जाने की संभावना है।
आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा और उत्तराखंड में 25 स्थानों पर स्थापित अपने उपक्रमों में ऑक्सीजन बेड सहित कोविड देखरेख सेवाएं प्रदान कर रहा है। बोर्ड ने अपनी क्षमता का लगभग 60 प्रतिशत कोविड-19 देखरेख के लिए निर्धारित कर दिया है। क्षमता के कुल 1,405 बेड्स में से 813 इस समय कोविड रोगियों के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं।
रेलवे ने बनाए 64,000 से अधिक आइसोलेशन बेड
देश मौजूदा समय में जब कोविड की दूसरी लहर के संकट से जूझ रहा है, तो ऐसे में रेल मंत्रालय ने कोविड देखभाल आइसोलेशन कोचों की तैनाती की अपनी पहल को फिर से शुरू किया।
25 अप्रैल तक इस बार 64,000 बिस्तरों के साथ लगभग 4,000 कोविड देखभाल वाले डिब्बे, देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर तैनात किए गए हैं, जिनमें से कुछ पहले से ही कोविड की पहली लहर में मरीजों की आइसोलेशन की जरूरतों को पूरा कर चुके हैं। कोविड महामारी से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में आइसोलेशन कोचों की स्थिति निम्नानुसार है:
दिल्ली में, 50 डिब्बे (800 बिस्तर के साथ) शकूरबस्ती स्टेशन पर तैनात किए गए हैं (4 मरीज वर्तमान में भर्ती हैं) और 25 डिब्बे (400 बिस्तर के साथ) आनंद विहार टर्मिनल पर उपलब्ध हैं। महाराष्ट्र के नंदुरबार में 21 डिब्बे (378 बिस्तर के साथ) तैनात हैं और वर्तमान में इन डिब्बों में 55 रोगियों को भर्ती की गई है। भोपाल स्टेशन पर, 20 डिब्बे तैनात किए गए हैं। पंजाब में तैनाती के लिए 50 डिब्बे तैयार किए गए हैं और 20 डिब्बे जबलपुर में तैनाती के लिए तैयार किए गए हैं। राज्य सरकारों की मांग पर, ये आइसोलेशन केंद्र हल्के और मध्यम लक्षणों वाले रोगियों की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।
