धरती का स्वर्ग यानी कश्मीर में अमन और चैन के लिए स्थानीय प्रशासन कई पहल की शुरुआत कर रहा है। इसी क्रम में दक्षिण कश्मीर में शोपियां में प्रशासन ने स्थानीय युवाओं को जिहादी तत्वों के दुष्प्रचार से बचाने व उनका भविष्य संवारने के लिए दस्तक कार्यक्रम की शुरुआत की है।
इस कार्यक्रम के पहले वर्ष में शोपियां में करीब दो हजार युवाओं को चिन्हित कर उन्हें स्वरोजगार प्रदान किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और प्रशासन द्वारा कराए गए एक अध्ययन के अनुसार स्थानीय युवाओं में बेरोजगारी, उन्हें जिहादी तत्वों का आसान शिकार बनाने के साथ ही नशाखोरी की तरफ धकेल रही है, इसलिए प्रदेश सरकार ने अब उन्हें युवा कल्याण और स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ सुनिश्चित करने की दिशा मे पहला कदम उठाया है।
युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए दस्तक
शोपियां के जिला उपायुक्त सचिन कुमार वैश्य ने बताया कि शोपियां में पर्यटन, निर्माण-उत्पादन, परिवहन, बागवानी, कृषि समेत विभिन्न क्षेत्रों में बहुत सी संभावनाए हैं। स्थानीय युवा अगर सही तरीके से लाभ उठाएं तोे इस पूरे क्षेत्र का आर्थिक-सामाजिक स्वरुप बदल सकता है। हमने स्थानीय युवाओं के भविष्य को संवारने, उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए ही दस्तक कार्यक्रम शुरू किया है।
पहले साल दो हजार युवाओं तक पहुंच बनाने का लक्ष्य
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत पहले साल हमने दो हजार युवाओं तक अपनी पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा है। हम उन्हें परिवहन, निर्माण, उत्पादन जैसे क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं व सहयोग प्रदान करेंगे। यहां युवा कल्याण और रोजगार की विभिन्न योजनाएं सिर्फ जागरूकता के अभाव में सिरे नहीं चढ़ पाती। इसके अलावा कई सरकारी औपचारिकताओं को पूरा करने के चक्कर में भी लटक जाती हैं, इसलिए सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए हमने दस्तक कार्यक्रम तैयार किया है।
योजना के बारे में गांव में जाकर युवाओं को दी जाएगी जानकारी
कश्मीर के मंडलायुक्त पांडुरंग के पोले ने कहा कि शोपियां में दस्तक कार्यक्रम को पूरी तरह सरल बनाया गया है। कोई भी युवा स्वरोजगार की योजनाओं के बारे में आसानी से समझ सकता है। उनका लाभ ले सकता है। हमने प्रत्येक तहसीलदार को निर्देश दिया है कि वह संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ प्रत्येक गांव में जाकर स्थानीय युवाओं से संवाद करें, उन्हें स्वरोजगार और युवा कल्याण की प्रत्येक योजना से अवगत कराएं।
युवाओं की योग्यता, रुचि का तैयार होगा प्रोफाइल
जिला उपायुक्त सचिन वैश्य ने कहा कि दस्तक कार्यक्रम के तहत राजस्व विभाग के क्षेत्रीय कर्मियों के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी गांव-गांव जाकर युवाओं की योग्यता, उनके कौशल, उनकी रुचि, उद्यमशीलता का पूरा प्रोफाइल भी तैयार करेंगे। इसके साथ ही उनके गांव व आस-पास के क्षेत्र में शुरू की जाने वाली स्वरोजगार इकाई की वैधता का भी जायजा लेंगे। यह देखा जाएगा कि किस क्षेत्र विशेष में कौन सा काम धंधा ज्यादा बेहतर रहेगा। दस्तक के तहत एकल खिड़की व्यवस्था पर ही युवाओं के सभी आवेदनों पर कार्रवाई होगी। इसके अलावा दस्तक-इन पोर्टल भी तैयार किया गया है।
स्वरोजगार के लिए युवाओं आर्थिक मदद भी की जाएगी
बैंक आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करते हुए, दस्तक कार्यक्रम में चुने गए युवाओं को उनके स्वरोजगार के लिए वित्तीय राशि यथाशीघ्र जारी करेंगे। यही नहीं, संबधित विभाग उन्हें निधि की उपलब्धता के आधार पर मार्जिन मनी और सब्सिडी देंगे। इसके अलावा समय-समय पर संबंधित विभागों के अधिकारियों का एक दल उनसे जाकर मिलेगा। उनकी इकाइयों का जायजा लेगा।
गौरतलब हो कि शोपियां जिला दक्षिण कश्मीर के उन चार जिलों में से एक है, जो सबसे ज्यादा आतंक ग्रस्त माना जाता रहा है। वर्ष 2016 से पहले इस जिले में करीब एक दर्जन आतंकी थे लेकिन 2016 से अब तक शोपियां में लगभग 200 स्थानीय युवकों ने आतंकी हिंसा का रास्ता चुना है। बीते पांच सालों में शोपियां में करीब 150 स्थानीय आतंकी मारे गए हैं। हिज्ब, लश्कर, जैश और अल-बदर जैसे संगठन लगातार इस जिले में अपने लिए नया कैडर तैयार करने के साथ ही नए ठिकाने बनाने की साजिश में लगे हुए हैं।
(इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार)
