पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की मतगणना के बीच आज रविवार को भारतीय निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर सख्त फैसला लिया है। इस बीच चुनाव आयोग ने सड़कों पर जश्न मनाते दिखने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।
मतगणना से पूर्व चुनाव आयोग ने विजय जुलूस और जश्न पर लगाई थी पाबंदी
बता दें, मतगणना से पूर्व चुनाव आयोग ने विजय जुलूस और किसी भी तरह के जश्न को न मनाने के निर्देश दिए थे। इस बाबत चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिवों को दिया निर्देश था, जिसमें यह साफ कहा गया था कि ऐसे मामलों में तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए।
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को लिखे पत्र
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को लिखे पत्र में कुछ स्थानों पर जीत का जश्न मनाए जाने संबंधी रिपोर्टों पर सख्त नाराजगी व्यक्त की है। आयोग ने कहा है कि कुछ राजनीतिक दल अपने कार्यकर्ताओं को ऐसा करने से रोकने में नाकाम रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ राज्यों से जीत के बाद कार्यकर्ताओं के जश्न मनाने की खबरें आई थी। इसमें उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून और अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज किए जाएं।
उल्लंघन करने वालों के खिलाफ स्थानीय पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश
साथ ही कहा गया है कि संबंधित पुलिस स्टेशन के एसएचओ ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज करें। साथ ही साथ यदि संबंधित जगहों पर कहीं से भी किसी प्रकार की ऐसी कोई घटना सामने आती है तो उस इलाके के एसएचओ/थाना अध्यक्ष को निलंबित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
गौरतलब हो पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की वोटों की गिनती चल रही है। ऐसे में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए चुनाव आयोग के इस कदम को बेहद अहम समझा जा रहा है।
