पंजाब की राजनीति लगातार रोज अपने आप में नया मोड़ लेती जा रही है,एक तरह जहां पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह कहते हुए पार्टी छोड़ा कि पार्टी ने उनका अपमान किया है,तो दूसरी तरफ पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा का ,कांग्रेस द्वारा अपमान करने का कैप्टन के हालिया बयानों से लगता है कि वह किसी तरह के दबाव में हैं. उन्हें पुनर्विचार करना चाहिए,साथ ही उन्हें पंजाब विरोधी भाजपा का साथ नहीं देना चाहिए।
पंजाब कांग्रेस प्रभारी का बयान ऐसे मौके पर आया है ,जब कैप्टन अमरिंदर सिंह यह कह चुके हैं कि वो भारतीय जनता पार्टी में नहीं जाएंगे लेकिन कांग्रेस में भी नहीं रहेंगे. दूसरी तरफ नवजोत सिंह सिद्धू लगातार पार्टी के उपर दवाब बना कर रखा है, ऐसे में पार्टी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी कैप्टन अमरिंदर सिंह को खोना नहीं चाह रही.हरीश रावत ने देहरादून नें पत्रकारों से बातचीत में अमरिंदर द्वारा लगाए गए आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया है।
दुनिया ने मेरे अपमान को देखा
हरीश रावत के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि ,दुनिया ने मेरा अपमान और अपमान देखा है, फिर भी (हरीश) रावत इसके विपरीत दावे कर रहे हैं। यह अपमान नहीं तो और क्या था ? अगर पार्टी का इरादा मुझे अपमानित करने का नहीं था तो नवजोत सिंह सिद्धू को महीनों तक सोशल मीडिया और अन्य सार्वजनिक मंचों पर मेरी खुलेआम आलोचना करने और हमला करने की अनुमति क्यों दी गई? पार्टी ने सिद्धू के नेतृत्व वाले बागियों को मेरे अधिकार को कम करने के लिए खुली छूट क्यों दी?।आपको बता दें कि कैप्टन साहब पार्टी से अलग होने का मन बना चुके हैं. उन्होंने अपने ट्विटर पेज के बायो से भी कांग्रेस शब्द को हटा दिया है. साथ ही यह स्पष्ट रूप से कहा कि वो अब कांग्रेस में नहीं हैं।
