किसानों को क्षेत्र विशेष की ‘मांग आधारित टेली कृषि सलाह’ देने के लिए, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। कृषि मंत्रालय की ओर से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और आई टी मंत्रालय की ओर से डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (डीआईसी) ने इस समझौते को अंतिम रूप दिया। इस समझौते पर हस्ताक्षर 9 जून 2021 को नई दिल्ली के कृषि भवन में सम्पन्न किए गए हैं।
क्या है इस समझौते का उद्देश्य
एमओयू का उद्देश्य डीआईसी के मौजूदा इंटरएक्टिव इंफॉर्मेशन डिसेमिनेशन सिस्टम (आईआईडीएस) प्लेटफॉर्म को आईसीएआर के प्रस्तावित ‘किसान सारथी’ कार्यक्रम के साथ एकीकृत करना और आईसीएआर नेटवर्क के माध्यम से उसे लागू करना है। इससे बड़ी संख्या में देश भर के किसानों तक आईआईडीएस की पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी है।
किस-किस पर सहमत हुए दोनों मंत्रालय
आईसीएआर और डीआईसी स्थानीय स्तर पर विभिन्न कृषि गतिविधियों को सहयोग देने के लिए एक मल्टी-मीडिया, मल्टी-वे एडवाइजरी और संचार प्रणाली की स्थापना करेंगे। साथ ही, आईसीएआर और डीआईसी इन सबके संचालन के लिए आईसीटी प्लेटफार्मों को विकसित और तैनात करने के लिए, सहयोग करने पर भी सहमत हुए हैं। शुरुआत में आईसीएआर में इंटरएक्टिव इंफॉर्मेशन डिसेमिनेशन सिस्टम (आईआईडीएस) तैनात किया जाएगा, जो एक पुश-एंड पुल-आधारित प्रणाली है। इस प्रणाली में, मोबाइल फोन का उपयोग करके किसानों से कृषि संबंधी जरूरी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। आईआईडीएस किसानों को केवल उन्हीं सेवाओं के लिए व्यक्तिगत आवश्यकता-आधारित जानकारी प्राप्त करने का विकल्प देता है, जिसके लिए उन्होंने सदस्यता ली है।
बेहतर ढंग से जान सकेंगे किसानों को
इस प्रणाली में, बैकएंड विशेषज्ञों के पास किसानों के प्रश्नों का उत्तर देते समय उनके डेटाबेस तक पहुंच होगी। इस तरह, विशेषज्ञ किसानों द्वारा उठाई गई समस्याओं या क्षेत्र की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे (केवाईएफ – नो योर फॉर्मर) और व्यक्तिगत रूप से किसान को उचित और शीघ्र सहायता प्रदान कर सकेंगे। वर्तमान में आईआईडीएस प्लेटफॉर्म को पूर्वोत्तर राज्यों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तैनात किया गया है, जिसे आईसीएआर के साथ इस समझौता ज्ञापन को पूरे देश में विस्तारित किया जाएगा।
आईसीएआर करेगा अपने नेटवर्क का इस्तेमाल
डीआईसी अपेक्षित आईसीटी प्लेटफॉर्म के विकास, होस्टिंग और प्रबंधन के लिए सहयोग के साथ-साथ संपूर्ण तकनीकी समाधान प्रदान करेगा। आईसीएआर कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), विभिन्न डोमेन विशिष्ट अनुसंधान संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों के नेटवर्क आदि के रूप में अपने विस्तृत सेवा नेटवर्क के माध्यम से इसकी निगरानी करेगा। आईसीएआर ही चरणबद्ध तरीके से इसके संचालन का प्रबंधन भी करेगा।
इस अवसर पर कौन-कौन रहे मौजूद
कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएआरई के सचिव और आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, डीएआरई के अतिरिक्त सचिव और आईसीएआर के सचिव संजय कुमार सिंह और डीआईसी के प्रबंधक निदेशक और सीईओ अभिषेक सिंह ने की। इस अवसर पर आईसीएआर के उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. ए.के सिंह, डीआईसी के वरिष्ठ निदेशक (अनुसंधान) डॉ. विनय ठाकुर, आईसीएआर के सहायक महानिदेशक (आईसीटी) सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
