सौर मंडल में भी आए दिन अनेक घटनाएं घटती रहती हैं। इसी क्रम में 02 अगस्त को सोमवार की रात आकाश में एक खास खगोलीय घटना घटने वाली है। दरअसल इस दिन सौर परिवार के तीसरे और छठवें सदस्य की मुलाकात होने जा रही है। यानी 82 चंद्रमा वाले शनि का एक चंद्रमा वाली पृथ्वी से सामना होगा। इस दौरान पृथ्वी के काफी नजदीक होने के कारण शनि अधिक चमकीला और अपेक्षाकृत बड़ा दिखाई देगा।
मकर तारामंडल में स्थित शनि से पृथ्वी का होगा सामना
नेशनल अवार्ड से सम्मानित विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने रविवार को बताया कि 02 अगस्त को मकर तारामंडल में स्थित शनि (सेटर्न) से पृथ्वी का सामना होने जा रहा है। इसमें सूर्य की परिक्रमा करता हुआ शनि, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सीधी रेखा में आ जाएंगे। यह खगोलीय घटना सेटर्न एट अपोजिशन कहलाती है।
दोनों के बीच होगी सबसे नजदीकी दूरी
सारिका ने बताया कि यह इस साल के लिए शनि की पृथ्वी से सबसे नजदीकी दूरी होगी। इससे यह अपेक्षाकृत अधिक चमकीला और कुछ बड़ा दिखेगा। अगर आप टेलिस्कोप से शनि को देखेंगे तो इसके रिंग 18 डिग्री के झुकाव पर होंगे। यह 0.2 मैग्नीट्यूड की चमक के साथ आकाश में दिखाई देगा।
सूर्य का प्रकाश शनि तक पहुंचने में लगते हैं 83 मिनट
विज्ञान प्रसारक सारिका ने बताया सोमवार शाम 7 बजकर 51 मिनट पर शनि पूर्वी आकाश में उदित होकर रातभर आकाश में रहकर सुबह 5 बजकर 6 मिनट पर अस्त होगा। मध्यरात 12 बजकर 29 मिनट पर यह आकाश में ठीक सिर के ऊपर होगा। पृथ्वी सौर परिवार का तीसरा, जबकि शनि सौर परिवार का छठवां ग्रह है और यह सूर्य मंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। सूर्य का प्रकाश शनि तक पहुंचने में लगभग 83 मिनट लगते हैं। इसके 82 चंद्रमा अब तक खोजे जा चुके हैं, जिनमें से 53 की पुष्टि हो चुकी है।
29 साल 6 महीने में सूर्य की परिक्रमा पूरी करता है शनि
सारिका ने बताया कि शनि, सूर्य की परिक्रमा लगभग 29 साल 6 महीने में पूरी करता है, जबकि पृथ्वी, सूर्य की परिक्रमा 365 दिन में करती है। इससे पृथ्वी परिक्रमा करते हुए लगभग एक साल और 13 दिन बाद पुनः शनि की सीध में आ जाती है। अब अगली सेटर्न अपोजीशन की घटना 14 अगस्त 2022 को होगी। इसके बाद 27 अगस्त 2023 और उससे अगले साल 8 सितम्बर 2024 को यह घटना आसमान में घटेगी।
