आक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली की मुसीबतें कुछ कम होती नजर आ रही हैं। दरअसल, एक ओर फ्रांस ने जहां एकसाथ आठ ऑक्सीजन प्लांट भेजें हैं तो वहीं सिंगापुर से मंगाए गए 6 क्रायोजेनिक कंटेनरों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पश्चिम बंगाल से राष्ट्रीय राजधानी पहुंच चुकी है।
जानकारी के मुताबिक फ्रांस ने रविवार को आठ ऑक्सीजन प्लांट भारत भेजे। इनमें से चार का इस्तेमाल दिल्ली के अस्पतालों में होगा। इसके अलावा करीब 28 टन सामग्री भी भेजी गई है। फ्रांस की ओर से भेजा गया प्रत्येक ऑक्सीजन जनरेटर 250 मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया कराने सक्षम हैं।
प्रत्येक ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट भारतीय अस्पताल को अगले 10 वर्षों के लिए बना देगा आत्मनिर्भर
फ्रांस के राजदूत इमैन्युल लेनिन की ओर से आए एक बयान के अनुसार प्रत्येक ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट भारतीय अस्पताल को अगले 10 वर्षों के लिए आत्मनिर्भर बना देगा। उन्हें विश्वास है कि दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य रणनीतिक भागीदारी का एक नया क्षेत्र होगा, जिससे एक दूसरे को मजबूती मिलेगी।
यहां लगाए जाएंगे फ्रांस से भेजे गए ऑक्सीजन प्लांट
फ्रांस के दूतावास से प्राप्त जानकारी के अनुसार आठ अस्पतालों में प्लांट लगाए जायेंगे। इनमें से छह दिल्ली-एनसीआर में होंगे और एक-एक तेलंगाना व हरियाणा में भी लगाया जाएगा।
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से दिल्ली पहुंची ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’
वहीं सिंगापुर से मंगाए गए 6 क्रायोजेनिक कंटेनरों में ऑक्सीजन लेकर कंटेनर ट्रेन पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से आज रविवार दोपहर तुगलकाबाद अन्तर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी) पहुंची। प्रत्येक कंटेनर में 20.03 मीट्रिक टन ऑक्सीजन है। ट्रेन कुल 120.18 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) साथ लेकर आई है। यह रेलगाड़ी दुर्गापुर के नजदीक कंटेनर कॉरपोरेशन टर्मिनल से शनिवार 12:45 बजे रवाना हुई थी।
(इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार)