
पिछले 44 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर आज सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 8वे दौर की वार्ता आयोजित किया जाएगा , जिसमें विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करके उनके समाधान करने पर जोर दिया जाएगा, इससे पहले 7 बार वार्ता में सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच कोई निर्णय नहीं हो सका है, सरकार की तरफ से उम्मीद है की किसानों को सहमत करके उनके हर समस्या का समाधान करना है।

वार्ता से पहले दोनों पक्षों के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है । दोनों पक्षों की निगाहें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर है । किसान संगठनों ने बृहस्पतिवार को ट्रैक्टर रैली निकाल कर शक्ति प्रदर्शन किया । इसके जरिए किसान संगठनों ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी और तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर डटे रहने का संकेत दिया । वहीं , सरकार की ओर से भी बार – बार संदेश दिया जा रहा है कि वह कानून वापसी की मांग को स्वीकार नहीं करेगी । इसके बदले वह इन कानूनों के एक – एक प्रावधान पर चर्चा करने के लिए तैयार है ।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कल कहा , गुरुवार को हमारे किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालकर ट्रेनिंग ली ताकि 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली की परेड निकाली जा सके . 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर और टैंक एकसाथ चलेंगे . ट्रैक्टर 2 लाइन में चलेंगे और टैंक एक लाइन में चलेगा .केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि आगामी बजट में कृषि क्षेत्र का विशेष ध्यान रखा जाएगा . कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के भयंकर संकट के बावजूद कृषि क्षेत्र की विकास दर उत्साहवर्धक रही है .नानकसार गुरुद्वारा के प्रमुख बाबा लाखा सिंह ने कल कहा है कि लोग अपनी जान गंवा रहे हैं . दुख असहनीय है . मुझे लगा कि इसे किसी तरह हल किया जाना चाहिए . इसलिए मैंने आज कृषि मंत्री मुलाकात की . वार्ता अच्छी थी , हमने समाधान खोजने की कोशिश की . मंत्री ने कहा है कि वह समाधान खोजने में हमारे साथ हैं .।
