गृह मंत्रालय ने वंदे भारत योजना के तहत गैर-निर्धारित व्यावसायिक उड़ानों और एयर बबल व्यवस्था के लिए शनिवार को मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया। एयर बबल व्यवस्था दो देशों के बीच व्यावसायिक यात्री उड़ानों का परिचालन पुन: आरंभ करने की अस्थायी व्यवस्था को कहते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि एसओपी के मुताबिक वंदे भारत मिशन के तहत उड़ानों के माध्यम से भारत आने के इच्छुक लोग उस देश में स्थित अपने भारतीय मिशनों के पास पंजीकरण करवा सकेंगे जहां वे फंसे हुए हैं या रह रहे हैं।
लांकि एयर बबल व्यवस्था के तहत जिन उड़ानों का संचालन होगा, उनके लिए पंजीकरण नहीं करवाना होगा। भारत की इस समय अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, कतर, मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात के साथ एयर बबल व्यवस्था है। इस संबंध में 13 और देशों के साथ बातचीत चल रही है।
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सरकार द्वारा सात मई को “वंदे भारत” मिशन शुरू करने के बाद से अब तक लगभग 11.23 लाख भारतीयों को स्वदेश लाया जा चुका है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में बताया था कि वर्तमान में वंदे भारत मिशन का पांचवां चरण चल रहा है और इसके तहत 19 अगस्त तक 22 देशों के लिये भारत के 23 हवाई अड्डों से 500 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और 130 घरेलू फीडर उड़ानों का संचालन किया गया।
उन्होंने कहा था कि इस महीने के अंत तक 375 और उड़ानों का संचालन होना हैं। उन्होंने कहा कि हमारे मिशनों की मांगों के सतत मूल्यांकन के आधार पर कुवैत, मालदीव, मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपीन, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा के संबंध में उड़ानों को जोड़ा गया है।
सोर्स – लाइव हिन्दुस्तान
