पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा-एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच चल रहे गतिरोध पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपना वक्तव्य दिया। दरअसल विपक्ष ने इस मुद्दे पर बहस करने की मांग की थी। सदन में रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत हमारी सीमाओं पर चल रहे गतिरोध को शांतिपूर्वक ढंग से हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हमने स्पष्ट तरीके से चीनी सेना के समक्ष हमारी चिंताओं को रखा, जिनमें उनकी बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती, आक्रमणशील व्यवहार और यूनिलेटरली स्टेटस को बदलने की कोशिश से संबंधित था। हम चाहते हैं कि चीनी पक्ष हमारे साथ मिलकर काम करे, लेकिन हमने यह भी आश्वस्त किया कि भारत की संप्रभुता और अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
प्रस्तुत हैं रक्षामंत्री के संबोधन के प्रमुख अंश, उन्होंने कहा :
> लद्दाख की पूर्वी सीमाओं पर हाल में हुई गतिविधियों से अवगत कराने के लिए उपस्थित हुआ हूं। जैसा कि आपको ज्ञात है हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हाल ही में लद्दाख का दौरा कर हमारे बहादुर जवानों से मुलाकात की थी एवं उन्हें यह संदेश भी दिया था कि समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं।
> मैंने भी लद्दाख जाकर अपने शूर वीरों के साथ कुछ समय बिताया है और मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि मैंने उनके अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को महसूस भी किया है। आप जानते हैं कि कर्नल संतोष बाबू और उनके वीर साथियों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।
> जैसा कि यह सदन अवगत है चाईना, भारत की लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए है। इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित Boundary-Agreement के तहत, पाकिस्तान ने PoK की 5180 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चाईना को सौंप दी है।
> यह भी बताना चाहता हूं कि अभी तक India-China के border areas में commonly delineated Line of Actual Control (LAC) नहीं है और LAC को लेकर दोनों का perception अलग-अलग है।
> भारत का मानना है कि, द्विपक्षीय संबंधों को विकसित किया जा सकता है, तथा साथ ही साथ सीमा मुद्दे के समाधान के बारे में चर्चा भी की जा सकती है। परन्तु LAC पर peace और tranquillity में किसी भी प्रकार की गम्भीर स्थिति का द्विपक्षीय संबंधों पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा।
> वर्ष 1993 एवं 1996 के समझौते में इस बात का जिक्र है कि LAC के पास, दोनों देश अपनी सेनाओं की संख्या कम से कम रखेंगे।
> समझौते में यह भी है, कि जब तक सीमा विवाद का पूर्ण समाधान नहीं होता है, तब तक एलएसी को strictly respect और adhere किया जाएगा और उसका उल्लंघन नहीं किया जाएगा । इन समझौतों में भारत व चाईना, LAC के clarification द्वारा एक common understanding पर पहुचने के लिए भी प्रतिबद्ध हुए थे।
