मलेशिया ने भारत में बने हल्के लड़ाकू विमान एलसीए तेजस एमके-1ए को खरीदने के प्रति दिलचस्पी दिखाई है । मलेशियाई वायुसेना की एक टीम जल्द ही एलसीए के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए बेंगलुरु के दौरे पर आने वाली है । यह टीम हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के प्लांट में जाएगी जहां एलसीए उत्पादन की सुविधाओं, परीक्षण बुनियादी ढांचे के साथ-साथ लड़ाकू क्षमता के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी ।
भारत को 3-4 वर्षों में रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में 1.75 लाख करोड़ का लक्ष्य हासिल करने का विश्वास
स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ावा देते हुए भारतीय वायु सेना ने 03 फरवरी, 2021 को बेंगलुरु में एयरो इंडिया-2021 के दौरान हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 83 तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट की डील फाइनल की थी। उसी समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि कई देशों ने तेजस एम-1ए की खरीद में दिलचस्पी दिखाई है । उन्होंने जल्द ही भारत को विदेशों से तेजस एम-1ए खरीदने के ऑर्डर मिलने और अगले 3-4 वर्षों के भीतर रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में 1.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करने का विश्वास जताया था । भारतीय वायुसेना के ऑर्डर को देखते हुए मलेशियाई वायुसेना ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ( एलसीए) खरीदने की इच्छा जताई है ।
स्वीडिश कंपनी साब ग्रिपेन की तुलना में एलसीए तेजस की कीमतें काफी कम
दरअसल, मलेशिया की वायुसेना लड़ाकू विमान खरीदने के लिए स्वीडिश कंपनी साब ग्रिपेन से सौदा करना चाह रही थी लेकिन उनके विमानों की तुलना में भारतीय एलसीए की कीमतें काफी कम हैं । इसके अलावा यह चीन-पाकिस्तान मूल के जेएफ-17 की तुलना में अधिक आधुनिक और सक्षम है। एलसीए तेजस मार्क-1ए संस्करण डिजिटल रडार चेतावनी रिसीवर, एक बाहरी ईसीएम पॉड, एक आत्म-सुरक्षा जैमर, एईएसए रडार, रखरखाव में आसानी और एविओनिक्स, वायुगतिकी, रडार से लैस है। इसमें उन्नत शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (एएसआरएएएम) और एस्ट्रा एमके-1 एयर टू एयर मिसाइल लगाई जा सकती हैं। इसलिए यह विमान मलेशियाई वायुसेना ने अपनी जरूरतों के मुताबिक फिट पाया है।
मलेशिया को 12 विमानों की प्रारंभिक आवश्यकता
फिलहाल, मलेशिया को 12 विमानों की प्रारंभिक आवश्यकता है, भविष्य में 24 और एलसीए तेजस का सौदा किया जा सकता है। भारत ने मलेशिया के जमीनी सैनिकों और वायु कर्मियों को प्रशिक्षण देने के अलावा एलसीए बेड़े के लिए पूर्ण रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल सुविधा बनाने की पेशकश की है । भारत इस बारे में तीन वर्षों से मलेशिया के साथ बातचीत कर रहा है। 2019 में भारत ने लंगकावी में लीमा शो के लिए अपने दो एलसीए विमानों को भेजा था। भारत और मलेशिया रक्षा सहयोग को उन्नत करने के लिए बहु-स्तरीय संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में एक साथ हैं।
(इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार)