हिंदी विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संवैधानिक पद पर गौरवशाली 20 वर्ष की यात्रा पर राष्ट्रीय परिचर्चा
परिचर्चा में-
MODI@20 लोकतंत्र की सफलता की गाथा है : प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल
जहां अंधकार है वहां दीप जलाएं : एच. के. दाश
विकास को समझने के लिए पढ़नी चाहिए MODI@20 : किशोर मकवाना
देश के श्रेष्ठतम योजना और नियोजन का पर्याय MODI@20 : डॉ. शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी
वर्धा, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के ग़ालिब सभागार में मोदी @ 20 : ड्रीम्स मीट डिलिवरी पुस्तक पर राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन हुआ। यह परिचर्चा देश के सुप्रसिद्ध तुलनात्मक दर्शनशास्त्री व शिक्षाविद् एवं हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति आर्चाय रजनीश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। अध्यक्षीय उद्बोधन में आचार्य रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि यह केवल पुस्तक नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र की सफलता की गाथा है। सपने देखना, बुनना और अंतत: साकार करने का दर्शन इस पुस्तक में है। मोदी जी के शासन में लोग अनवरत विकास की धारा में जुड़ते जा रहे हैं। वे मानते हैं कि भारत के नए परिवर्तन का आख्यान और अभिव्यक्ति है यह पुस्तक। यही नहीं भारत में राजनीतिक आधार पर मानवकल्याण की दृष्टि और यत्न का महत्वपूर्ण इतिहास भी है यह पुस्तक।
कार्यक्रम के आरंभ में प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल तथा प्रो. चंद्रकांत रागीट ने अतिथियों का स्वागत एवं स्मृति चिन्ह से सत्कार किया। तदोपरांत सभी अतिथियों ने दीपदीपन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचारण तथा विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुई। इस महत्पवूर्ण परिचर्चा के दौरान वरिष्ठ सलाहकार संस्कृति मंत्रालय तथा हिमांचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री, भारत सरकार के पूर्व सचिव सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी एच.के.दास, प्रख्यात लेखक एवं चिंतक किशोर मकवाना तथा वरिष्ठ पत्रकार तथा डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू के आचार्य डॉ. शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी चर्चा में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
परिचर्चा में स्वागत वक्तत्य रखते हुए जनंचार विभाग के आचार्य एवं राष्ट्रीय परिचर्चा के संयोजक प्रो. अनिल कुमार राय ने कहा कि ‘मोदी@20 : ड्रीम्स मीट डिलिवरी’ पुस्तक नहीं अभियान है। उन्होंने पुस्तक के महत्वपूर्ण खण्ड के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रेरक प्रसंगों तथा विशिष्ट अतिथियों की कार्य-तपस्या तथा अनुभवों से भी परिचित कराया। वहीं परिचर्चा में विशिष्ट अतिथि प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सतह से उठकर आमलोगों के दुख-दर्द को सुख में परिवर्तित कर दिखाया है। उनके शासन की भाषा वही भाषा दिखाई देती है जो देश की भाषा है। नरेन्द्र मोदी सभी लोगों से अपनी भाषा में शिक्षा ग्रहण करने की अपील करते है। परिचर्चा में अगले वक्ता के रूप में पूर्व सचिव, भारत सरकार, एच. के. दाश ने कहा कि मोदी जी के साथ एक लंबे समय तक कार्य करने का अनुभव ही उर्जा का स्रोत है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि मोदी जी ने स्वप्न पंचाअमृत योजना के जरिए खुली आंखों से देखे गए सपनों को जमीं पर उतारा है। उनकी अनेक योजनाएं जनसाधारण की पूर्ति का प्रतिरूप हैं।
पुस्तक पर चर्चा करते हुए श्री किशोर मकवाना जी ने कहा उन्होंने बचपन से ही देश के बारे में सोचा था और स्वप्न को लेकर आगे चलते गए। मोदी जो ने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक की सैवैधानिक यात्रा के दौरान अपने प्रशासन में आमजन की संवेदनाओं को सर्वोपरि स्थान दिया। अपने अनेक अनुभव व सेवा के दौरान उन्होंने मृदु मानस की कार्यशक्ति को करीब से देखा है। श्रेष्ठ प्रशासक की नजर में वे अच्छे शासक होने के साथ-साथ संवेदनशील व्यक्ति भी हैं। इसी तारतम्यता में वरिष्ठ पत्रकार डॉ. शैलेंद्र मणि त्रिपाठी जी ने कहा कि पुस्तक में उनकी योजना और क्रियान्वयन का श्रेष्ठ उदाहरण देखने को मिलता है। वे देश के लिए श्रेष्ठतम योजना व नियोजन के साथ कार्य करते हैं।
इस पुस्तक पर विधि विभाग के अध्यक्ष प्रो. चतुर्भुजनाथ तिवारी, जनसंचार विभाग के अध्यक्ष कृपाशंकर चौबे, प्रो. शिरीष पाल सिंह, डॉ. सीमा बर्गट, डॉ. गौरी शर्मा, डॉ. के. बालराजु तथा शोधार्थी गौरव चौहान ने पुस्तक मोदी@20, ड्रीम्स मीट डिलिवरी पर अपने गहन विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन व सह-संयोजन दर्शन विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सूर्य प्रकाश पाण्डेय तथा धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव कादर नवाज खान ने किया। इस परिचर्चा में बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी तथा विद्यार्थियों-शोधार्थियों ने सहभागिता की।