डिजिटल इंडिया के दौर में केंद्र सरकार का हमेशा इस बात पर जोर रहता है कि आधुनिक तकनीक के जरिये देश का किसान तरक्की करें। उनके इस सपने को साकार करने के लिए कानपुर आईआईटी ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है, जिससे किसान लाभान्वित होंगे। यह ड्रोन फसलों की निगरानी तो करेगा ही साथ ही आठ घंटे में 30 हेक्टेयर क्षेत्र पर रासायनिक दवाओं का छिड़काव भी करेगा। यह 10 मीटर ऊंचाई वाले बागवानी पौधों पर भी आसानी से रासायनिक छिड़काव कर सकेगा।
ड्रोन का किया गया परीक्षण
दरअसल केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन कानपुर में भी संचालित की गई है। योजना के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कानपुर आईआईटी ने ड्रोन का निर्माण किया है।
कृषि विभाग के सहयोग से आईआईटी ने इस ड्रोन का सजीव प्रसारण मंगलवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के प्रक्षेप में मंडलायुक्त डॉ राजशेखर की देखरेख में किया गया। ड्रोन ने नैनो यूरिया खाद का छिड़काव किया और आईआईटी के विशेषज्ञ सुब्रमण्यम सदरला ने कृषकों तथा कृषक उत्पादक संगठन के प्रतिनिधियों को ड्रोन की तकनीक एवं उसके प्रयोग में ली जाने वाली सावधानियों तथा उपयोगिता के सम्बन्ध में बताया।
स्टार्टअप कंपनियां करेंगी ड्रोन का निर्माण
उन्होंने कहा कि ड्रोन के सहवर्ती उपकरणों सहित वर्तमान समय में 10 लाख रुपये कीमत निर्धारित की गई है। आईआईटी कानपुर स्टार्टअप कंपनियों की सहायता से ड्रोन का निर्माण कराएगी।
ड्रोन का खासियत
ड्रोन के माध्यम से आठ घण्टे में 30 हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि रक्षा रसायनों एवं उर्वरकों का छिड़काव करके कम रसायन से अधिक क्षेत्र आच्छादित कर लागत में कमी लाते हुए आय में वृद्धि की जा सकेगी। इस नई तकनीक के प्रयोग से सब्जियों, फसलों एवं औद्यानिक फसलों में भी 10 मीटर की ऊंचाई तक फसलों में लगने वाले कीट/रोगों के नियंत्रण में सुगमता प्राप्त होगी।
ड्रोन के सर्विस सेंटर बनाने का सुझाव
मंडलायुक्त डॉ राज शेखर ने बताया कि कृषि के क्षेत्र में कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से ड्रोन के प्रयोग से पीएम के सपनों को साकार किया जाएगा। उन्होंने मंडल के कृषक उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों के मध्य ड्रोन का प्रचार-प्रसार करते हुए अग्रणी भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों से ड्रोन की बैटरी की क्षमता बढ़ाने के लिए तथा ड्रोन के सर्विस सेंटर की स्थापना कराने के लिए भी सुझाव दिया।
ड्रोन खरीदने पर सरकार दे रही छूट
बता दें कि केंद्र सरकार किसानों की सुविधा, लागत घटाने व आय बढ़ाने के लिए ड्रोन उपयोग को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए ड्रोन खरीदने में विभिन्न वर्गों को छूट प्रदान की जा रही है। व्यक्तिगत तौर पर ड्रोन खरीद के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए है, जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति- जनजाति, लघु और सीमांत, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों के लिए ड्रोन की खरीद हेतु ड्रोन लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम 4 लाख रु. की सहायता दी जाएगी।